Health News: 17 मई को पूरे विश्व में हाई ब्लड प्रेशर डे मनाया गया। इस दिन जगह- जगह पर लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम किए गए। बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के कोई खास लक्षण नहीं होते, इसी कारण से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर ऐसी स्थिति होती है, जिसमें आपकी धमनियों में खून का दबाव सामान्य से ज्यादा होता है। रक्तचाप दो संख्याओं से मापा जाता है, सिस्टोलिक व डायस्टोलिक। एक व्यक्ति का सामान्य रक्तचाप 120/80 होना चाहिए। सिस्टोलिक दबाव 130 या फिर उससे ज्यादा नहीं होना चाहिए वहीं डायस्टोलिक दबाव 80 या उससे ज्यादा नहीं होना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को सिरदर्द (सिर के पीछे या गर्दन में दर्द) हो सकता है। बिना किसी कारण के थकान महसूस करना या थोड़ी सी मेहनत पर थकान महसूस करना भी इसक। लक्षण हो सकते हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ जाने पर अचानक खड़े होने या कुछ देर बैठे रहने के बाद मरीज को चक्कर आने लगते हैं। इसके अलावा सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। कई लोगों में धुंधली दृष्टि के लक्षण भी पाए जाते हैं। कुछ मामलों में नाक से खून आना भी हाई बीपी के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही दिल की धड़कन तेज होना भी हाई बीपी का लक्षण माना जाता है।
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कितने लेवल बढ़ने पर आ सकता है हार्ट अटैक?
ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाने पर हार्ट अटैक भी आ सकता है। जब सिस्टोलिक रीडिंग 180 मिमी एचजी से अधिक हो या फिर डायस्टोलिक रीडिंग 120 मिमी एचजी से ज्यादा हो, तो ऐसे में मरीज को हार्ट अटैक के चांसेस बढ़ सकते हैं। इसे हाइपरटेंसिव क्राइसिस कहा जाता है, ऐसे में मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
बचाव के तरीके
यदि आप हाई बीपी कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होगें। सबसे पहले आपको अपने वजन को कम करना होगा, नियमित व्यायाम करना होगा, स्वस्थ आहार के साथ-साथ अपने खाने में नमक या सोडियम की मात्रा को कम करना होगा। हां, ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना बिल्कुल न भूलें।