Gajpateshwar Mahadev : सावन का महीना शुरू होते ही लोग शिव जी की भक्ति में लग जाते हैं। मंदिरों में जाकर जल चढ़ाते हैं, आरती करते हैं। चारों तरफ भक्ति का माहौल बन जाता है। बीकानेर में बहुत भी बहुत से ऐसे मंदिर है जिनकी महत्ता सावन में बढ़ जाती है। ऐसे ही बीकानेर में एक मंदिर हैं जो अपनी स्थापत्य कला और धार्मिक विशेषताओं के लिए अलग पहचान रखता है। यहां पर सूर्य कॉलोनी में गजपतेश्वर महादेव के नाम से एक अनोखा शिव मंदिर है जिसे भक्त आकाशेश्वर महादेव के नाम से भी पुकारते हैं। सावन में यहां भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। आइए जानते हैं मंदिर के बारे में...
खुले आसमान के नीचे स्थापित है महादेव
इस मंदिर की विशेषता ये है कि यहां महादेव की मूर्ति के ऊपर छत नहीं है। जब भी बारिश होती है तो इंद्रदेव झमाझम पानी से स्वयं भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। इसी कारण इस शिवालय को इंद्रदेव के अभिषेक की जगह मान कर भी विशेष पूजा आराधना की जाती है। सावन के महीने मे भक्तों को ये अवसर इंद्रदेव स्वयं देते हैं और इस दृश्य को सब अपनी आंखों से देखते हैं।
200 वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिर
ये शिव मंदिर करीब 200 साल पुराना है। इसका निर्माण कार्य उस समय बीकानेर के राजा गज सिंह ने करवाया था, तभी से इसे गजपतेश्वर महादेव मंदिर कहा जाने लगा। मंदिर के अंदर शिवलिंग के साथ-साथ मां पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की मूर्तियां भी स्थापित हैं। साथ ही यहां सिद्धि यंत्र व विशेष प्रकार के दीवारों पर चित्र भी देखने को मिलते हैं जिसमें भोलेनाथ की आंखें साफ साफ उकेरी गई हैं।
सूर्य की किरणों से भी होता है महादेव का अभिषेक
दोपहर में जैसे ही धूप मंदिर में प्रवेश करती है, उस समय सूर्य की किरणें सीधे शिवलिंग पर पड़ती हैं। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की पूजा से प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। सावन के महीने में यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शन पूजन के लिए भारी जनसमूह उमड़ पड़ता है।
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