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Desert Animal Camel: ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। इस जानवर का इस्तेमाल पुराने समय में किसानों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता था। ऊंट एक ऐसा जानवर था जो रेगिस्तान में बेहद आसानी से चल सकता था। इसी वजह से किसान इस जानवर का इस्तेमाल सामान ढ़ोने के लिए करने लगें। लेकिन आखिर क्या कारण था कि पशुपालक ऊंट को जहरीले सांप खिला देते थे? आईए जानते हैं।

Desert Animal Camel: रेगिस्तान में आसानी से चल सकने वाला एकमात्र जानवर है ऊंट। यही वह वजह है कि ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। ऊंट की सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान में पाई जाती है। पहले के जमाने में जब किसान को सामान ढोना होता था, तब वह ऊंट के पीठ पर सामान को रख देते थे। जिस वजह से किसानों का सामान बेहद आसानी से रेगिस्तान के इस रेत भरी जगहों से एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाती थी। लेकिन जब ऊंट बीमार पड़ता था तब किसान उस बीमारी से निजात के लिए उन्हें जहरीले सांप को खिला देते थे, जिस वजह से कई बार ऊंट पर इसका गलत प्रभाव पड़ जाता था।

यह बीमारी हो जाती थी ऊंट को

चूंकी जानवरों को कई बीमारी भी हो जाती है। जिस वजह से जानवर अस्वस्थ हो जाते थें। पुराने जमाने में पशु चिकित्सीय सुविधा उतनी विकसित नहीं थी। जिस वजह से उस वक्त जब ऊंट को कोई भी बीमारी होती थी तो पशुपालक घरेलू नुस्खों के द्वारा उन्हें ठीक कर देते थें। ऐसे ही एक बीमारी ऊंट को हो जाती थी। उस बीमारी का नाम था Hyam। पशुपालक इस बीमारी की पहचान ऊंट में होने वाले कुछ अजीबोगरीब लक्षण से करते थें। जैसे की बुखार, जकड़न, पांव में दर्द होना और आंसू गिरना।

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Hyam बीमारी से बचने के लिए ऊंट को खिलाया जाता था जहरीला सांप

ऊंट को इस गंभीर बीमारी से निजात के लिए पशुपालक सांप खिला देते थें। ऊंट का मुंह खोलकर पशुपालकों द्वारा उसके मुहं में सांप डाल दिया जाता था। हालांकि इस देसी नुस्खे से ऊंट की मृत्यु तक हो जाती थी। इस जहरीले सांप को खाने की वजह से गर्भवती ऊंटनी का गर्भपात भी हो जाता था।

जहरीले सांप खिलाना है मिथकीय 

ऊंटों की बीमारी से निजात के लिए पशुपालकों द्वारा जहरीले सांप को खिलाना या ऊंट का स्वयं जहरीले सांप को खाना। वर्तमान में डॉक्टर इस बीमारी से निजात के लिए जहरीले सांप को खिलाने को मात्र एक मिथक ही मानते हैं।

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