Rajasthan Compititive Exam: राजस्थान सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केंद्रों में प्रवेश के नियमों को लेकर काफी बड़ा बदलाव हुआ है। आपको बता दें कि अब राजस्थान के सभी विभागों में भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को कड़ा, पगड़ी और कृपाण जैसे धार्मिक प्रतीक चिन्ह पहनकर परीक्षा केंद्रों में प्रवेश की अनुमति दे दी गई है।
क्या है पूरा मामला
यह निर्णय अचानक नहीं आया। दरअसल जयपुर में हुए विवाद के बाद इस कदम को उठाया गया है। हुआ यूं की न्यायिक सेवा परीक्षा के दौरान एक सिख अभ्यर्थी को धार्मिक चिन्ह पहनने के कारण प्रवेश नहीं दिया गया था। दरअसल पंजाब के तरनतारण की एक अभ्यर्थी गुरप्रीत कौर को जयपुर स्थित पूर्णिया विश्वविद्यालय में न्यायिक सेवा परीक्षा में कड़ा और कृपाण उतारने के लिए कहा गया। उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया जिस वजह से उसे प्रवेश नहीं दिया गया। इस घटना के बाद सिख संगठनों और अभ्यर्थियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस बात पर जोर दिया कि कड़ा और कृपाण सिख धर्म की पवित्र वस्तुएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन्हें उतरना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है।
गृह विभाग ने दिशा निर्देश जारी किए
इस विवाद के बाद गृह विभाग ने लोक सेवा आयोग, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और बाकी विभागों की भर्ती परीक्षा नियमों में संशोधन करने के लिए आधिकारिक तौर पर आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव भास्कर ए सावंत ने कहा है की परीक्षा केंद्रों पर सिख अभ्यर्थियों की धार्मिक भावनाओं और सम्मान का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए। अब इस फैसले के बाद अभ्यर्थी कड़ा, पगड़ी और कृपाण पहनकर प्रवेश कर पाएंगे।
आभूषणों पर प्रतिबंध अभी भी जारी
आपको बता दें कि नए नियम से सीख अभ्यर्थियों को तो राहत मिली है लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान बाकी अभ्यर्थियों के लिए चेन, झुमके और मंगलसूत्र जैसे धातु के आभूषणों पर अभी भी प्रतिबंध जारी रहेगा। इसी बीच आपको बता दें कि पहले राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अभ्यर्थियों को कपड़ों पर धातु के बटन पहनने की भी अनुमति नहीं देता था।
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