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Rajasthan Collage News: राजस्थान के 2 लाख से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है, क्योंकि 700 से अधिक बीएड कॉलेज पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। चलिए बताते हैं आपको क्या है इसका कारण। 

Rajasthan Collage News: राजस्थान के 2 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने एनईपी के तहत b.ed कॉलेज के लिए जो गाइडलाइन जारी की है, इसके बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राजस्थान के 700 से ज्यादा बेड कॉलेज बंद हो जाएंगे। जिससे कि 2 लाख से अधिक अभ्यार्थी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे और उसका भविष्य दांव पर लग जाएगा।

केंद्र-राज्य सरकार में तालमेल की कमी

इस फैसले से अभ्यर्थियों को भी अपनी भविष्य की चिंता सताने लगी है कि कहीं उसकी फीस ना डूब जाए, या फिर कहीं उसकी डिग्री कंप्लीट ना हो सके। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के द्वारा b.ed कॉलेज को लेकर जारी गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि कॉलेज मल्टी डिसीप्लिनरी इंस्टीट्यूट की तर्ज पर संचालित किए जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा नवाचार केंद्र और राज्य सरकार के तालमेल के अभाव के कारण या फैसला धरातल पर नहीं उतर पा रहा है। राजस्थान के तमाम बेड कॉलेज में भी ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है।

लाइसेंस किया जा सकता है कैंसिल

उच्च शिक्षा विभाग ने एनईपी के तहत किए बदलावों को लागू नहीं कर रहा है। इस परिस्थिति में एनसीटीई ने गाइडलाइन जारी की, जिसमें साफ कह दिया गया है कि कॉलेज मल्टी डिसीप्लिनरी इंस्टीट्यूट की तर्ज पर संचालित किए जाएंगे और जो भी कॉलेज इन नियमों का पालन नहीं करेगा। उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा। इस तरह राज्य सरकार द्वारा नई एकेडमिक कॉलेज को एनओसी नहीं देने से 700 b.ed कॉलेज पर बंद होने का संकट गहरा गया है।

साल 2030 तक एकेडमिक पाठ्यक्रम संचालित नहीं करने पर एनसीटीई ने b.ed कॉलेजों को प्रवेश नहीं मिलेगी। इसे हर साल b.ed पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले करीब 2 लाख अभ्यर्थियों का भविष्यताओं पर लग जाएगा। इस गाइडलाइन को देखते हुए बेड कॉलेज संचालकों ने शिक्षा विभाग से सामान्य अकैडमी कॉलेज की एनओसी मांगी है, लेकिन विभाग ने नए कॉलेज खोलने पर रोक का हवाला देते हुए एओसी देने से इनकार कर दिया है। 

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