Badli Bheruji Temple: राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में एक है जोधपुर जिले का बड़ली भैरूजी मंदिर, जहां माना जाता है कि भक्तों द्वारा मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती हैं, खासकर श्रद्धालुओं को संतान के सुख का वरदान प्राप्त होता है। इसके लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
जोधपुर-जैसलमेर मार्ग पर स्थित है मंदिर
बता दें कि बड़ली भैरूजी मंदिर राजस्थान के जोधपुर शहर से करीब 13 किमी दूर जोधपुर-जैसलमेर मार्ग पर स्थित है। भगवान भैरव को भगवान शिव का ही एक रूप माना जाता है, यहां भक्तों द्वारा मांगी गई सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही श्रद्धालुओं को संतान सुख का वरदान भी प्राप्त होता है। मंदिर में भैरुजी की काली पत्थर की एक आकर्षक मूर्ति मौजूद है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे मारवाड़ के महान शासक राव सीहा जी के पुजारी कन्नौज से लेकर आए थे।
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मंदिर से जुड़ा इतिहास
700 साल पहले मारवाड़ के महान शासक राव सीहा जी ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। वे जोधपुर के अलावा कन्नौज के भी राजा थे। एक बार जब राजा कन्नौज से मारवाड़ आ रहे थे। तभी मेवाड़ पर मुगलों ने हमला बोल दिया था। जिसके बाद राव सीहा जी ने उन्हें हराकर मुगलों पर विजय हासिल की थी। इसके उपलक्ष्य में राव सीहा जी ने अपने पुजारियों को काशी भेजा और उन्हें भैरूजी की मूर्ति मंगवाई थी। मारवाड़ लौटते समय राजा ने इस मूर्ति को एक बरगद के पेड़ के नीचे स्थापित कर दी थी। बड़ल के पेड़ के नाम से यह जगह बड़ली कही जाने लगी और धीरे-धीरे इस मंदिर को बड़ली के भैरू के नाम से जाना जाने लगा।
संतान के वरदान की होती है प्राप्ति
यहां दूर-दराज से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर भगवान के दर्शन करने आते हैं। खासकर संतान की प्राप्ति का मांगी गई इच्छा यहां पूरी होती है। मंदिर में भैरूजी की काली मूर्ति के साथ-साथ यहां तीन अन्य छोटी मूर्तियां भी मौजूद हैं। मंदिर के पीछे एक विशाल तालाब व विशौंतरी माता का मंदिर भी स्थित है।