God Cool Air Temples: गर्मी का मौसम जब आता है तो अपने साथ तपन और उमस लेकर आता है। यह मौसम झुलसा देने वाला होता है और इस मौसम में लोग लू का सामना करते हैं। गर्मी से बचने और ठंडक पाने के लिए लोग अपने घरों में AC, कूलर लगवाते हैं। लेकिन अब शिवालयों में भी AC और कूलर की व्यवस्था होने लगी है। जिससे भगवान भी अब गर्मी के इस प्रकोप से बच सकें और पंखों में उन्हें विश्राम कराया जाए है। साथ ही ठाकुरजी के लिए ठंडी तासीर के भोग भी लगाए जा रहे हैं।
मन्दिरों की दिनचर्या में आया बदलाव
पुरानी बस्ती, जयपुर में स्थित गोपीनाथ जी मंदिर, गोनेर के लक्ष्मी नारायण मंदिर और चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर, चांदपोल बाजार स्थित मंदिर श्री रामचंद्र जी, चांदी की टकसाल स्थित काले हनुमान जी मंदिरों में अब ठाकुर जी की दिनचर्या में बदलाव हुआ है। सुबह जल्दी जागने के साथ रात में देर से विश्राम कर रहे हैं। गर्मी के मौसम के चलते इन मंदिरों के पट अब सुबह जल्दी खुलते हैं और शाम में देर से बंद होते हैं। जिस कारण पूरे दिन तपन से ठाकुर जी को राहत मिलती है।
लग रहा है सात्विक ठंडी तासीर का भोग
इन दिनों ठंडी लस्सी, सत्तू, बेल का शरबत, ठंडा दूध, खरबूजा, फालसा, आमरस और विभिन्न मौसमी फलों के व्यंजनों का भगवान को भोग चढ़ाया जा रहा है। साथ ही ठाकुर जी शीतलता महसूस करें, इसके लिए विशेष तिथियों पर जल विहार (पानी में घूमना) कराया जा रहा है। इस पूरे ज्येष्ठ मास में जल यात्रा झांकियों का आयोजन होगा।
ऋतु पुष्पों से हो रहा श्रृंगार, पहनाए जा रहे सूती वस्त्र
इन दिनों पुजारी ठाकुर जी का ऋतु पुष्पों से एक विशेष श्रृंगार कर रहे हैं। पानो का दरीबा स्थित सरस निकुंज पीठ के प्रवक्ता प्रवीण 'बड़े भईया' बताते हैं कि गर्भगृह में इन दिनों लगातार कूलर, AC चल रहे हैं। मौसमी फूलों की साज सज्जा के साथ साथ ठाकुरजी को सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं।
भक्तों में आस्था की कोई कमी नहीं
गोविन्द जी मंदिर के सेवा अधिकारी का कहना है कि भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं है। जब मनुष्य गर्मी में बिना पंखे के नहीं रह सकते तो, फिर भगवान कैसे रह सकते हैं। उनके लिए भी ऐसी ही व्यवस्था होनी चाहिए, इसलिए ठाकुरजी के लिए पंखे और कूलर की व्यवस्था शुरू की गई है।
AC की तरह भक्ति में भी शीतलता
मंदिरों में ठंडक पहुंचना न सिर्फ भक्ति की मिसाल को दर्शाता है बल्कि भारतीय परंपरा में ईश्वर की सेवा भी मौसम के हिसाब से ही होती है। जब हर कोई इस गर्मी के मौसम में राहत तलाश कर रहा है, वहां मंदिरों में पहुंचती ठंडक एक मिसाल बनकर बनकर सामने आई है।
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