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Strawberry Farming: राजस्थान के किसानों ने रेगिस्तान में स्ट्रॉबेरी उगाकर खेती की नई मिसाल पेश की है। आधुनिक तकनीक और जैविक तरीकों से हो रही यह खेती अब आमदनी का बेहतर जरिया बन रही है।

Strawberry Farming In desert : भारतीय किसान कृषि के क्षेत्र में नया कीर्तमान गढ़ रहे है। पारंपरिक खेती करने के सीमाएं लांघकर हाइटेक तरीके को अपना रहे है। पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक के तरफ आगे बढ़ रहा है। पारंपरिक फसलों के मिथक को तोड़कर नित नए प्रयोग करते हुए सफलता के नए मानदंड गढ़ रहा है। इसी नवीन सोच के तहत राजस्थान के अलवर जिले के अनेक किसानों ने आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए स्ट्रॉबेरी जैसी पहाड़ी फ़सल को रेगिस्तान में उगाकर नया कीर्तिमान बनाया है। आज के इस लेख में हम आपको राजस्थान के किसानों के ”जहां चाह वहां राह” जैसी कहावत को चरितार्थ करने वाली सच्चाई का विवरण देंगें। यदि आप भी एक किसान हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना आपके लिए अवश्य लाभकारी होगा।

अलवर जिले के किसानों ने शुरू की आधुनिक खेती

अमूमन स्ट्रॉबेरी हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में उगाया जाने वाला फल है जहां का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं होता। इसे देखते हुए अलवर के किसानों ने ये पाया कि उनके यहां का तापमान इस तरह की फसलों के अनुकूल है। अतः उन्होंने स्ट्रॉबेरी उगाना शुरू किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्ट्रॉबेरी की फसल को अक्टूबर से मार्च तक उगाया जा सकता है।

अपेक्षाकृत अधिक मुनाफा देने वाली यह फसल अलवर के किसानों के लिए एक लाभकारी इनकम का जरिया बन गई है। किशनगढ़ बास के सेवखेड़ा गांव के एक किसान ने बताया कि वो अभी तक दो बार स्ट्रॉबेरी की फसल उगा चुका है और तीसरी बार की तैयारी में है। इसी गांव के किसान अमीलाल चावड़ा विगत दो वर्षों से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। शुरुआत में फंगस जैसी समस्याओं के चलते अब वो खेती के लिए जैविक तरीके का इस्तेमाल करने जा रहे हैं।

हरियाणा के हिसार से लाकर लगाए 5000 पौधे

कृषक अमीलाल ने बताया कि उन्होंने हरियाणा के हिसार से स्ट्रॉबेरी के 5000 पौधे लाकर लगाए थे पर उसमें से आधे पौधे फंगस के चलते खराब हो गए। लेकिन दूसरे वर्ष उन्होंने 5000 पौधे फिर से लगाए और रासायनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जिसका परिणाम ये रहा कि अच्छी नस्ल के फल तो हुए ही मुनाफा भी तकरीबन देढ़ लाख के आस पास हुआ।

जानें किस महीने होगी स्ट्रॉबेरी की खेती

अलवर के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते शुरू कर देते हैं। इसके लिए वो सितंबर के अंतिम सप्ताह से ही खेती के लिए अपना खेत तैयार करने में लग जाते हैं। ऐसा करने से फसल समय से तैयार होगी और मुनाफा भी उम्मीद के अनुरूप होगा।

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