Master Plan Sikar: राजस्थान में सीकर के नए मास्टर प्लान का मसौदा एक राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। सीकर के नागरिक खासकर बाईपास इलाकों में रहने वाले लोग जमकर विरोध कर रहे हैं। मंगलवार तक ढाई हजार से ज्यादा शिकायत है आधिकारिक तौर पर दर्ज की जा चुकी हैं। इसी वजह से अधिकारियों ने आपत्ति को दर्ज करने की अंतिम तिथि दो दिन और बढ़ा दी है।
मसौदे का बड़े पैमाने पर जन विरोध
इस मास्टर प्लान को लेकर पिछले 1 महीने से काफी ज्यादा विवाद बढ़ रहा है। इसे लेकर सबसे ज्यादा आपत्तियां बाईपास क्षेत्र के ग्रामीणों की तरफ से आई है क्योंकि यहां भूमि उपयोग और जोनिंग में बदलाव ने भ्रम और चिंता को पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्लान को अंतिम रूप देने में 3 महीने और लग सकते हैं। नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा ने कहा है कि आपत्तियां दर्ज करने के लिए अभी 2 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया
बढ़ते प्रदर्शन के बावजूद भी शहरी विकास एवं आवास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने आश्वासन दिया है कि मास्टर प्लान के तहत किसी भी तरह का अन्याय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार हर शिकायत का भौतिक सत्यापन करेगी और प्रशासनिक निर्णय के कारण किसी भी गरीब परिवार को नुकसान नहीं होगा।
कैसे होगा समाधान
आपको बता दें कि अधिकारियों ने आपत्तियों का वर्गीकरण करना शुरू कर दिया है। इनमें से बड़ी संख्या उन लोगों की है जिनके पास पहले से ही यूआईटी, हाउसिंग बोर्ड या फिर नगर परिषद से कानूनी पट्टे हैं। इन मामलों में निष्पक्ष और सटीक भूमि उपयोग वर्गीकरण को सुनिश्चित करने के लिए भौतिक सर्वेक्षण किए जाएंगे। इसी बीच भूमि उपयोग संबंधी विसंगतियों को विशेष कर जहां पर आवंटित भूमि नई योजना में अलग-अलग क्षेत्रीयकरण दर्शाती है वहां समाधान प्रक्रिया के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी ।
ये भी पढ़ें- Rajasthan High Court: 43वें मुख्य न्यायाधीश बने के. आर श्रीराम, जानें कब तक रहेगा कार्यकाल