Farm Pond Scheme: भूजल स्तर में गिरावट की वजह से राजस्थान सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राजस्थान सरकार ने एक नई फार्म तालाब योजना किसानों के लिए शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य वर्षा जल संचयन और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी।
कृषि को पुनर्जीवित करना
इस योजना का मुख्य विचार काफी सरल लेकिन शक्तिशाली है। इस योजना के तहत किसानों को कृषि भूमि पर विशेष रूप से निर्मित तालाबों में वर्षा के जल कोई इकट्ठा करना होगा। इन तालाबों की मदद से भूजल को रिचार्ज करने में काफी मदद मिलती है। जहां पारंपरिक सिंचाई विधियां अविश्वसनीय हो गई है उन क्षेत्रों में यह जल स्रोत को प्रदान करती है। आवेदन प्रक्रिया खुल चुकी है और पात्र किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कौन है पात्र?
इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास अपने नाम पर कम से कम 0.3 हेक्टेयर कृषि भूमि होगी। संयुक्त स्वामित्व के मामले में हर शेयर धारकों के पास अपने शहर में एक ही स्थान पर 0.3 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए। इस ग्रांट को पाने के लिए हर शेयर धारक को हर तालाब के बीच कम से कम 50 फुट की दूरी बनाए रखनी है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि ध्यान देने योग्य बात यह है कि खेत तालाब के निर्माण पर सब्सिडी तभी मिलेगी जब किसानों ने फव्वारा या फिर ड्रिप सिंचाई प्रणाली की स्थापना की होगी।
आवश्यक दस्तावेज
- जमाबंदी की नकल
- भूमि मानचित्र
- जन आधार कार्ड
- लघु या सीमांत किसान श्रेणी को दर्शाने वाले प्रमाण पत्र
आपको बता दें कि आवेदन 30 सितंबर तक राज्य किसान साथी पोर्टल के माध्यम से जमा किए जा सकते हैं।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
जो भी छोटे और सीमांत या फिर अनुसूचित जाति के किसान हैं उन्हें नियमित खेत तालाबों के लिए इकाई लागत का 70% मिलेगा। इसके अलावा बाकी किसानों को इकाई लागत का 60% मिलेगा। इसके अलावा प्लास्टिक लाइन वाले खेत तालाबों के लिए अनुसूचित जाति और सीमांत किसानों को 90% सब्सिडी मिलेगी जबकि बाकी को 80% मिलेगी।
आपको बता दे की अधिकतम सब्सिडी सीमा 1200 क्यूबिक मीटर या फिर उससे ज्यादा क्षमता वाले तालाबों पर लागू होती है। इसके अलावा न्यूनतम 400 क्यूबिक मीटर वाले तालाबों को अनुपातिक सब्सिडी मिलेगी।
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