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Rajasthan Government: राजस्थान में राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना को लेकर एक बड़ा बदलाव किया गया है। दरअसल आरजीएचएस को वित्त विभाग से छीन कर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है। आईए जानते हैं इससे संबंधित पूरी जानकारी।

Rajasthan Government:  बढ़ती चिंताओं और कथित अनियमितताओं का निवारण करने के लिए राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजस्थान सरकार ने राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना का नियंत्रण वित्त विभाग से छीन कर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया। इसका कारण योजना के काम पर और पारदर्शिता खासकर दावों और विधि वितरण से संबंधित बढ़ते सवाल हैं। 

चिकित्सा विभाग को सौंपा जिम्मा

बजट के प्रमुख सचिव देबाशीष प्रुस्ती ने एक आधिकारिक आदेश जारी किया है। अब आरजीएचएस राज्य स्वास्थ्य आश्वासन एजेंसी के तहत एक अलग इकाई के रूप में काम करेगा। यह एजेंसी चिकित्सा विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती है। इस कदम के बाद आरजीएचएस और मुख्यमंत्री की आयुष्मान आरोग्य योजना के बीच बेहतर तालमेल होगा। 

इस बड़े बदलाव के बाद आरजीएचएस से संबंधित सभी संचालन, कार्मिक और कार्यालय शिक्षा विभाग द्वारा संभाले जाएंगे। अब इस कदम के बाद उम्मीद है कि राज्य की अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर दक्षता और सख्त निगरानी के साथ काम करेंगी‌। 

जवाबदेही की ओर एक कदम 

आरजीएचएस का पुनर्गठन वित्तीय  कुप्रबंध और अन्य खामियों के गंभीर आरोपों के बीच किया गया है। इसमें सबसे बड़ा मसला सरकारी दावा इकाई का बंद होना था। जिसके कारण दवा प्रसंस्करण का काम एक निजी थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर को सौंप दिया गया था। बस तभी से ही ओपीडी, आईपीडी और फार्मेसी सेवाओं से संबंधित दावों का प्रबंध इसी निजी इकाई के जरिए हो रहा है। आपको बता दे की आरजीएचएस के तहत निजी अस्पतालों और फार्मेसी को लगभग 6500 हजार करोड़ का भुगतान किया गया है। 

प्रोजेक्ट डायरेक्टर को हटाया जाएगा 

इस पूरे फेरबदल के बाद शिप्रा विक्रम के कार्यकाल का अंत भी निश्चित ही है। दरअसल वें आरजीएचएस की स्थापना के बाद से डायरेक्टर के रूप में कार्य कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक चिकित्सा विभाग में बदलाव की वजह से उनका हटाया जाना लगभग तय ही है। उन्हीं के कार्यकाल में गवर्नमेंट क्लेम यूनिट बंद हुई थी।

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