Farmers Benefit: छोटे और सीमांत किसानों का बोझ कम करने के लिए सरकार द्वारा 4 साल पहले कस्टम हायरिंग सेंटर योजना की शुरुआत की गई थी। यह केंद्र किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण बाजार से काफी कम धारों पर किराए पर देते हैं। इस योजना का लाभ हजारों किसानों को काफी पहले ही मिल चुका है। लेकिन जागरूकता के अभाव में कई किसान अभी भी इस योजना से अनजान है।
सीमांत किसानों के जीवन रेखा
सिरोही जैसे जिलों में जहां पर जमीन का आकार घट रहा है और आय के स्तर भी काम हो रहे हैं यह सेंटर काफी ज्यादा लाभदायक साबित हो रहे हैं। दरअसल छोटे किसान लाखों रुपए की मशीन नहीं खरीद पाते हैं और इस वजह से उनकी खेती अक्सर देने से होती थी। लेकिन अब इस योजना के बाद उन्हें ट्रैक्टर, ड्रोन स्प्रेयर, हार्वेस्टर और सीड ड्रिल मशीन जैसे उपकरण किराए पर मिल जाते हैं।
सिरोही 33 केंद्रों के साथ अग्रणी
फिलहाल सिरोही में 33 कस्टम हायरिंग केंद्र संचालित हो रहे हैं। सिरोही में आठ, पिंडवाड़ा में 10, आबू रोड पर पांच, रेवदर में 6 और शिवगंज में चार केंद्र स्थापित है। बढ़ती मांग को लेकर केंद्रीय सहकारी बैंक सिरोही ने दो और केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। यह केंद्र जैतवारा और भटाना में स्थापित किए जाएंगे।
क्या है इस योजना की खास बात
दरअसल इस योजना के तहत किसानों को पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह की खेती करने के लिए उपकरण दिए जाते हैं। इनमें रोटावेटर, रीपर कम बाइंडिंग, हैप्पी सीडर, हल, लैंड लेवलर, कल्टीवेटर, मल्टी क्रोप थ्रेशर और स्ट्रॉ रीपर जैसी मशीन उपलब्ध है। इन मशीनों से समय बचाने के साथ-साथ श्रम लागत में भी कमी आती है और इसके अलावा कीट नियंत्रण और उन्नत सिंचाई के उपकरण भी सुलभ है।
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