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Rajasthan Rasgulla: पश्चिम बंगाल के अलावा बीकानेर के रसगुल्ले आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। सालाना इस शहर में रसगुल्ले का करोड़ों का व्यापार किया जाता है। यहां घूमने आए सैलानियों में भी लगातार इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है।

Rajasthan Rasgulla: रसगुल्ले पश्चिम बंगाल की मशहूर मिठाई मानी जाती है, इसके अलावा राजस्थान के बीकानेर शहर के रसगुल्ले आज दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस मिठाई का जन्म भले ही पश्चिम बंगाल में हुआ हो, लेकिन आज इसका व्यापार व नाम बीकानेर में हो रहा है। सालाना इस शहर में रसगुल्ले का करोड़ों का व्यापार किया जाता है। देश के कोने-कोने से लोग रसगुल्ले ऑर्डर करवाते हैं। इसके साथ ही यह 20 अन्य देशों में भी भेजा जाता है, इनमें न्यूजीलैंड, यूएस, यूके, कनाडा, इटली, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, दुबई, कुवैत, जापान आदि देश शामिल हैं।

56 सालो से चल रहा है व्यापार

रसगुल्ला व्यापारी रामेश्वर लाल ने जानकारी दी कि पिछले 56 सालो से यहां रसगुल्ले का व्यापार किया जा रहा है। यहां घूमने आए सैलानियों में भी लगातार इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि दो विभिन्न प्रकार के रसगुल्ले बेचे जाते हैं, एक छोटा आकार का होता है जिसे खुर्मनी कहते है और दूसरा सामान्य साइज का रसगुल्ला बनता है, जिसे स्पंजी रसगुल्ला कहा जाता है।

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कितना है रेट?

बता दें कि खुर्मनी रसगुल्ला 180 रुपए किलो बेचा जाता है, वहीं स्पंजी रसगुल्ला 260 रुपए किलो बिकता है। जानकारी के मुताबिक बंगाल की यह प्रसिद्ध मिठाई साल 1911 में बीकानेर में शुरू हुई थी। बीकानेर में रसगुल्ला, भुजिया-पापड़ और बड़ी समेत एग्रो फूड की 600 से अधिक फैक्ट्रियां हैं। यहां सालों से करोड़ों का कारोबार किया जा रहा है।

कैसे बनाते है रसगुल्ले?

व्यापारी रामेश्वरलाल ने बताया कि पहले दूध को गर्म कर उसमें नमकीन पानी डाल दिया जाता है। इससे दूध अच्छी तरह फट जाता है। इस फटे हुए दूध व पानी को अलग कर दिया जाता है, जिसके बाद इसमें से छेना तैयार होता है। अब इस छैने की छोटी-छोटी गोलियां तैयार की जाती है और इन्हें चाशनी में डाल दिया जाता है। जब छैने की गोलियां दोगुना साइज की हो जाए तब रसगुल्ले बनकर तैयार हो जाते हैं।

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