Jat Wedding Rituals: राजस्थान में हर धर्म के लोग रहते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या हिंदुओं की है और अगर हम हिंदुओं में भी श्रेणियां बांट दें तो सबसे ज्यादा जनसंख्या जाट समाज की आती है। जाट समुदाय को अपने देसी अंदाज और पारंपरिक पहनावे के लिए जाना जाता है। इस समुदाय में शादी के दौरान कई अनोखी परंपराएं निभाई जाती हैं, जो इस समाज को एक खास पहचान प्रदान करती हैं।
जाट समाज द्वारा निभाई जाने वाली परंपरा में कुछ मजेदार रीति-रिवाज हैं, जिनको जानकर आप अपनी हंसी नहीं रोक पाओगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समाज में दोनों पक्षों की महिलाएं शादी के अवसर पर दूल्हा-दुल्हन के ससुराल वालों के साथ हंसी-ठिठोली करती हैं, जो कि इनके परंपरा का एक हिस्सा है।
परंपरा में हंसी-ठिठोली
राजस्थान के सीकर जिला, जो कि खाटूश्याम के लिए प्रसिद्ध है, जहां पर जाट समुदाय की सबसे अधिक संख्या निवास करती है। इस समुदाय में वैसे तो शादी के दौरान कई परंपराओं को निभाया जाता है, जिसको निभाने का ढंग कुछ हटके है। क्योंकि इस परंपरा के रीति-रिवाजों को किसी मान्यता के आधार पर नहीं बल्कि एक मनोरंजन के आधार पर निभाया जाता है, जिसमें महिलाएं हंसी-ठिठोली करती हैं।
सीकर की अनोखी परंपरा
इस परंपरा को वैसे तो कई और क्षेत्रों में निभाया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा सीकर के गांवों में इस परंपरा के रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं। इस परंपरा में शादी के दौरान महिलाओं द्वारा भाई, पिता और सभी पुरुषों का मेकअप करके निभाया जाता है, जिसमें पुरुषों को महिलाओं द्वारा लगाए जाने वाले श्रृंगार से बचना होता है।
दोनों पक्षों की महिलाएं करती हैं पुरुषों का मेकअप
इस परंपरा के रीति-रिवाजों को केवल शादी के अवसर पर ही निभाया जाता है, जिसमें पुरुषों को लकड़ी के मांचे पर बैठाया जाता है। उसके बाद उनकी आंखों में काजल, हाथों में मेहंदी और होठों और गालों पर लाली लगाई जाती है। जो कि देखने में बहुत फनी लगाता है, इसमें जब दुल्हन विदा होती है तब दुल्हन पक्ष के साथ इस परंपरा को निभाते हैं और जब दुल्हन पक्ष के लोग दुल्हन को लेने जाते हैं तब उनसे भी इस परंपरा के आधार पर उन्हें काजल-लाली लगाई जाती है।
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