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Rajasthan Culture: राजस्थान की पारंपरिक कला बिजने को  खान सर की शादी के दहेज में दिया गया। इसके पीछे उनका अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश था।

Rajasthan Culture: राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां की पारंपरिक विरासत मौजुद है। जिसकी वजह से राजस्थान को एक विशेष पहचान मिली है। राजस्थानियों के द्वारा हाथों से बनाई हुई कला ही राजस्थान की धरोवर है। राजस्थान में ठीकरी कला, कागजी कला के अलावा भी ब्लू पॉटरी जैसी कला यहां मौजूद है। राजस्थान में आज भी ग्रामीण लोगों के द्वारा अपनी संस्कृति को संजोए हुए है। इनके द्वारा आज भी अपनी पारंपरिक शैली में इन कलाओं को हाथों से बनाया जाता है। 

राजस्थान की पारंपरिक कला बिजना

राजस्थान की बिजना कला जिसको ग्रामीण महिलाओं के द्वारा गर्मियों में बनाया जाता है। इस बिजने का इस्तेमाल राजस्थान के लगभग सभी घरों में हवा करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि आज भी राजस्थान के गांवो में बिजना कला जीवित है। बिजने को राजस्थान में अक्सर दादी या नानी के द्वारा अपने छोटे बच्चों को गर्मी में हवा करने के लिए बनाया जाता है। हालांकि बिजने को राजस्थान के अलावा कई ओर राज्यों के भी बनाया जाता है। लेकिन इसको अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। बता दें कि राजस्थान में बिजना को बिहार में इसे बेना कहा जाता है। 

खान कर की शादी में राजस्थानी बिजना

राजस्थान की इस पारंपरिक कला को खान सर की शादी के दहेज में दिया गया था। इस बिजने के अलावा भी उनकी शादी में कई ओर पारंपरिक चीजों को उपहार में दी गई थी। जिसमें  मिट्टी की सुराही, मिट्टी का घड़ा, कुरान शरीफ और जानमाज शामिल थी। ये सभी देश की राजस्थान की संस्कृति के साथ मुस्लिम समुदाय की संस्कृति को भी दर्शाते हैं। खान सर को शादी में दिए गए उपहार को दिए जाने को लेकर बताया कि उनके द्वारा भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना हैं। और दहेज जैसी प्रथा को लेकर लोगों को जागरुक करना है।

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