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Chamunda Devi Mandir: राजस्थान ऐसा शहर जहां कई महल और मंदिर रहस्य से भरे पड़े हैं। राजस्थान के जोधपुर में मां चामुंडा का बेहद प्रसिद्ध मंदिर है, जो की भक्तों की आस्था का केंद्र भी है। यहां माता के दर्शन के लिए देश भर से लोग आते हैं। आईए जानते हैं माता की अलौकिक कृपा के बारे में।

Chamunda Devi Mandir: राजस्थान इस शहर का नाम सुनते ही भव्यता का एहसास होता है। बड़े बड़े महल और इसके साथ ही चमत्कार और रहस्य से भरे कई मंदिर। जो आपके मन में एक जिज्ञासा उत्पन्न करेगी की इस मंदिर के या महल के बनने के पीछे की कहानी क्या है। अक्सर इतिहास इस तरह की कहानी को बयां करता है, लेकिन वर्तमान में भी लोगों के मन में कई सवाल उत्पन्न उत्पन्न करता हैं। राजस्थान के जोधपुर जिले में एक ऐसा ही रहस्यमय और चमत्कारिक मां चामुंडा देवी का मंदिर है जो की भक्तों के आस्था का विशेष केंद्र माना जाता है। यहां इस मंदिर में माता की महिमा का भक्त गुणगान करते हैं। आईए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े माता की कृपा के बारे में, किस तरह से एक संत के श्राप ने पानी रहित कर दिया था इस जगह को तब माता की कृपा बरसी थी।

किसने कराया था मां चामुंडा देवी मंदिर का निर्माण?

राजस्थान के जोधपुर जिले में माता का यह प्रसिद्ध मंदिर मां चामुंडा देवी मंदिर स्थित है। मां चामुंडा देवी का मंदिर जोधपुर के शाही परिवार की ईष्ट देवी भी है। वहीं यह मंदिर मेहरानगढ़ किले के दक्षिण भाग में बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण 1460 में राव जोधा ने करवाया था। यह वही राव जोधा है जो जोधपुर शहर के संस्थापक भी है।

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क्या रही वजह की एक संत ने दे दिया श्राप?

यहां के स्थानीय लोग यह बताते हैं कि जब मेहरानगढ़ किले का निर्माण हो रहा था, उसी दौरान इस मंदिर को भी बनवाया गया था। क्योंकि जिस जगह पर महल बनाई जा रही थी वह जगह अधिकृत थी।इस जगह को अधिकृत हरमीत भट्ट के द्वारा किया गया था। यही वो वजह रही कि संत ने पूरे किले को श्राप दे दिया था। क्रोधित होकर संत ने कहा कि इस किले में हमेशा पानी की कमी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस किले में पानी की कभी पूर्ति नहीं होगी और लोग पानी के अभाव में मर जाएंगे।

कुछ इस तरह बरसी मां कृपा

संत के श्राप से बचने के लिए महल में मां चामुंडा देवी की स्थापना की गई। जिसके पश्चात जब से मां चामुंडा की स्थापना इस महल में हुई तब से महल में कभी पानी की कमी नहीं हुई।

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