Jaipur Temple : राजस्थान का जयपुर में सिर्फ अपने गुलाबी नगर के लिए प्रसिद्ध है बल्कि अपने अंदर सम्माहित ऐतिहासिक किलों महलों और धरोहर के लिए भी मशहूर है। राजसी ठाठ बाट के अलावा भी यहां के मंदिर उतनी ही प्रसिद्ध है और उनके चमत्कार। जयपुर के मंदिरों के सबसे खास बात यह है कि यह आस्था का ही केंद्र नहीं प्राकृतिक सौंदर्य का भी केंद्र है। मंदिरों के दर्शन करने के लिए हजारों किलोमीटर दूर से भक्त यहां आते हैं। आईए जानते हैं जयपुर के पांच ऐसे मंदिरों के बारे में जहां आपको अवश्य जाना चाहिए।
1.गढ़ गणेश मंदिर
यह मंदिर जयपुर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है जो अरावली पर्वत पर स्थित है। 18 वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जय सिंह ने मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि गणेश जी यहां बिना सूंड के स्थित है। थाना 5 दिनों का मेला गणेश चतुर्थी के समय लगता है।
2.सूर्य मंदिर
यह मंदिर अरावली पर्वत पर करीब 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का एकमात्र सूर्य मंदिर है। महाराजा सवाई जय सिंह का दूत कृपा रामजी ने करवाया ने इसका निर्माण करवाया था। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि जयपुर में जब भी सूर्य की पहली किरण पड़ती है तो सबसे पहले मंदिर के ऊपर पड़ती है।
3.अम्बा माता मंदिर
मंदिर आमागढ़ की पहाड़ियों पर है। मंदिर 1800 साल पुराना है। अम्बा माता की मूर्ति सवा दो फीट ऊची स्थित है। मीणा समाज के लोग इसे अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते है। नवरात्रि के समय यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
4.एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर
मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। अब मंदिर सिर्फ साल में एक बार महाशिवरात्रि के दिन खुलता है। मंदिर का निर्माण सवाई जयसिंह के पुत्र माधव सिंह ने करवाया था। मंदिर का जयपुर शहर से 6 किमी दूरी पर है।
5.आमेर शिला देवी मंदिर
मंदिर जयपुर से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर मां दुर्गा के शिला रूप को समर्पित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आमेर किले की चढ़ाई करनी पड़ती है। दर्शन के लिए हजारों की संख्या में यहां भक्त आते हैं। दूर दराज से भक्त यहां आते है।
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