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Rajasthan Temple: राजस्थान के बीकानेर के पास स्थित मुक्तिधाम मंदिर बिश्नोई समाज का मुख्य केंद्र माना जाता है। इस मंदिर में भगवान गुरु जम्बेश्वर की समाधि बनी हुई है। यहां सालाना हजारों की संख्या में भक्त भगवान गुरु जम्बेश्वर की समाधि पर दर्शन करने पहुंचते हैं।

Rajasthan Temple: राजस्थान के बीकानेर शहर के पास स्थित तलवा गांव में स्थित प्राचीन मुक्ति धाम मंदिर बिश्नोई समाज का मुख्य केंद्र माना जाता है। यहां सालाना हजारों की संख्या में भक्त भगवान गुरु जम्बेश्वर की समाधि पर दर्शन करने पहुंचते हैं। बिश्नोई समाज का यह मुख्य धाम राजस्थान के बीकानेर किले के पास स्थित तलवा गांव के करीब मौजूद है। यह पवित्र मंदिर बीकानेर शहर से लगभग 78 किमी की दूरी पर स्थित है। साथ ही राजधानी जयपुर से यह मंदिर करीब 295 किलोमीटर दूर स्थित है।

बिश्नोई समाज का मुख्य मंदिर 

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर बिश्नोई समाज के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि बिश्नोई समाज के लोग जानवरों व पर्यावरण से काफी लगाव रखते है। इस मंदिर में भगवान गुरु जम्बेश्वर की समाधि बनी हुई है। बता दें कि उन्होंने ही समाज की स्थापना की थी। इस दौरान वे यहीं रहते थे। वे यहां की एक चोटी पर रहते थे और वहीं भगवान की पूजा-अर्चना करते थे। 

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मंदिर से जुड़ी कथा 

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा के मुताबिक जिस समय समाज के स्थापक गुरू जम्भोजी समाधि लेने वाले थे, उसी समय उन्होंने अनुयायियों को अपने पास बुलाया और वहां के एक खेजड़ी के पेड़ की तरफ इशारा करते हुए बताया कि इस पेड़ के करीब 24 हाथ खोदने पर आपको भगवान शिव का त्रिशूल व धुना मिलेगा, आपको वहीं समाधि बनानी है। माना जाता हैं, कि इस घटना के बाद मंदिर में त्रिशूल व धुना मिला था और वहीं उनकी समाधि बनाई गई थी। आज इस स्थान पर हजारों बिश्नोई समाज के लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। साथ ही फाल्गुन अमावस्या और आसोज अमावस्या के मौके पर यहां मेले का आयोजन भी किया जाता है। यह मंदिर हर दिन सुबह चार बजे से रात आठ बजे तक खुला रहता है।

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