Jaipur Zoo: यदि आप गर्मियों की छुट्टियों में घूमने के लिए कोई सुंदर प्राकृतिक और जीव जंतुओं व कोई शांत जगह तलाश कर रहे हैं, तो आज इस लेख में हम आपको राजस्थान के जयपुर की एक शानदार जगह में बारे में बताने वाले है। इस समय आप राजधानी जयपुर के चिड़ियाघर घूमने जा सकते हैं। यह जंतुआलय प्राकृतिक सौंदर्य और जंतुओं की आभा से लिप्त है। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग घूमने आते हैं। विभिन्न जंतुओं अलावा यहां आपको प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलेगी।
साल 1868 में हुआ था निर्माण
35 एकड़ में फैले राज्य के सबसे बड़े और पुराने जंतुआलय का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने साल 1868 में कराया था। इसे आमजन के लिए साल 1877 में खोला गया था। बताया जाता है कि इसे चार लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया था।
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भारत का चौथा सबसे बड़ा घड़ियाल प्रजनन क्षेत्र
सबसे बड़े व पुराने जंतुआलय होने के साथ-साथ यह देश का चौथा सबसे बड़ा घड़ियाल प्रजनन क्षेत्र है। यहां एक समय पर घड़ियां व मगरमच्छ दिखाई देती थी, लेकिन समय के साथ-साथ वह अब विलुप्त होती जा रही हैं। यहां सहायक के पद पर कार्यरत सुरेश चंद शर्मा ने जानकारी दी कि फिलहाल यहां आपको हिरण, सुतुर मुर्ग, कछुए, कोबरा, सांभर आदि जानवर देखने को मिल जाएगें। साथ ही विभिन्न प्रकार के पक्षी भी यहां देखने को मिल जाएगें। यहां लोग दूर-दूर से अपने बच्चों व फैमली के साथ समय बिताने आते हैं।
कितनी है जंतुआलय की टिकट?
जानकारी के लिए बता दें कि इस चिड़ियाघर दो अलग-अलग हिस्सों में बांटा हुआ है। एक भाग में विभिन्न जंतुओं को रखा गया है और दूसरे भाग में विभिन्न पक्षियों को रखा गया है। इन दोनों भागों में सैलानी घूम सकते हैं। भारतीय नागरिकों के लिए यहां की एक टिकट 22 रूपए है और स्टूडेंट्स के लिए यह 17 रूपए है। वहीं विदेशी सैलानियों के लिए यह 152 प्रति व्यक्ति है। यह जंतुआलय सुबह नौ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक खुला रहता है। यहां वीडियोग्राफी करने के लिए अलग से पैसे भरने होते हैं।