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Swami Dayaram Sahib Annual Fair Rajasthan: ग्राम मोठूका में स्वामी दयाराम साहिब का दो दिवसीय वार्षिक मेला आयोजित होने जा रहा है। जिसकी शुरुआत 16 मई से होगी।

Dayaram Sahib Annual Fair: किशनगढ़ बास समीपवर्ती ग्राम मोठूका में स्वामी दयाराम साहिब का दो दिवसीय वार्षिक मेला आयोजित होने जा रहा है। जिसकी शुरुआत 16 मई से होगी। इस मेले का इतिहास पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। इऐसे में इस मेले का महत्व और बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं इस मेले के बारे में..

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पहले दिन होगी ये व्यवस्था
मेले के प्रमुख सेवादार प्रदीप भगत ने बताया कि ग्राम मोठूका के दयाराम साहिब के दो दिवसीय वार्षिक मेला 16 व 17 मई को भरेगा। पहले दिन 16 मई को सुबह 10 बजे झंडे की रश्म के साथ मेले की शुरुआत होगी। मेले में संत मोहन भगत खैरथल, संत कल्याण भगत इस्माइलपुर, बब्बू शर्मा मुंबई, सांई सुगणा राम राजकोट, सांई हरीराम उज्जैन, सांई जीतू राम जयपुर, भगत अशोक घायल अजमेर, भगत मंगा राम आगरा, सत्गुरु सहाय सेवा मंडली आगरा सहित अनेकों भजन मंडलियां एवं संत सत्संग कर प्रवचन देंगे। शाम 7 बजे महाआरती, रात्रि 9 बजे बहराना साहिब का आयोजन होगा। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की खाने, रुकने व चिकित्सा की निःशुल्क व्यवस्था रहेगी।

मेले का समापन कैसे होगा?
 बता दें तीसरे दिन 18 मई को सुबह 9 बजे पल्लव के साथ मेले का समापन होगा। सत्गुरु सेवा समिति की बैठक संत लाल भगत की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान श्याम मंघनानी, शंकर भगतानी, डॉ युधिष्ठिर पमनानी, डॉ राजेश पमनानी, प्रेम भगतानी, अर्जुन दास भगतानी, कमलेश पमनानी ,इंदर भगतानी, नन्दलाल भगतानी, गोरधन दास, मनोज भगतानी,इंद्र लखयानी आदि मौजूद रहे।

क्या है इस मेले का इतिहास?
स्वामी दयाराम साहब का जन्म सिंध प्रदेश( वर्तमान पाकिस्ता) के जिला हैदराबाद तहसील नावा के गांव खेबिरन में सन 1871 में दिवाली के दिन हुआ था। 16 साल की उम्र में स्वामी जी ने कबीरपंथी में महात्मा बुद्ध नाथ से मिलने के बाद 12 वर्ष तक सत्संग में ध्यान मग्न रहे। 1935 में अचानक स्वामी जी ने निर्णय लिया कि वो समाधि लेंगे। तभी से यहां हर साल वैसाख माह में भरता है।

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