Bhilwara Retirement Celebration: भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश की वजह से पूरे राजस्थान में व्यापक चर्चा छिड़ गई है। उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए कार्यालय में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति और विदाई समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनका कहना है कि ऐसे आयोजनों से सरकारी कामकाज में बाधा आती है।
प्रतिबंध का कारण
जारी किए गए आदेश के मुताबिक कार्यालय समय के दौरान विदाई समारोह प्रशासनिक कामकाज को प्रभावित करता है और इसी के साथ सार्वजनिक सेवा में भी व्यवधान आते हैं। कलेक्टर संधू ने नए निर्देश देते हुए कहा कि इस निर्देश का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी या विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब इस फैसले के बाद सरकारी कर्मचारियों से मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है। कई कर्मचारी राजस्थान सिविल सेवा नियम 1971 की ओर इशारा करते हैं जिसमें सेवानिवृत्ति और विदाई समारोह के कार्यालय संस्कृति का एक हिस्सा बताया गया है।
कर्मचारी संघों ने जताई निराशा
आपको बता दें कि राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ प्ले इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है। हालांकि अभी तक कलेक्टर के आदेश के खिलाफ कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। लेकिन निजी तौर पर कर्मचारियों ने चिंता व्यक्त की है कि लंबे समय से चली आ रही है परंपरा को समाप्त करने पर कार्यस्थल के मनोबल पर काफी ज्यादा असर पड़ेगा।
राजस्थान में अपनी तरह का पहला आदेश
ऐसा कहा जा रहा है कि आज तक राजस्थान में किसी भी अन्य जिला कलेक्टर ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। आपको बता दें कि इस विवाद से अलग, कलेक्टर संधू का प्रशासनिक उपलब्धियां का एक प्रभावशाली रिकॉर्ड है। उन्हें सलूम्बर कलेक्टर के रूप में कार्य करते हुए राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि जयपुर जिले के लिए उन्हें स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण में भी सम्मानित किया गया है।
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