Sawan 2025 : श्रावण मास को भगवान शिव का अत्यंत प्रिय महीना माना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु पूरे समर्पण और भक्ति भाव से भोलेनाथ की आराधना करते हैं। सावन में शिव भक्ति करने वाले लाखों लोग पूजा-पाठ में तो सावधानी बरतते ही हैं पर इस पावन महीने में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। शास्त्रों में कुछ ऐसे रंगों का जिक्र है जिन्हें सावन के पवित्र महीने में पहनना वर्जित माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इन रंगों के पहनने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं तथा उन भक्तों पर अपनी कृपा नहीं बरसाते हैं। आईए जानते हैं इन रंगों के बारे में…
सर्वाधिक शुभ रंग
सावन का महीना शिव का महीना है और भगवान शिव को हरियाली और हरे भरे वन प्रिय हैं। इसलिए इस महीने में हरे रंग को सबसे शुभ माना जाता है। महिलाएं, विशेष रूप से सुहागिन स्त्रियां हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां तथा अन्य हरे रंग के आभूषण को पहनकर सोलहों श्रृंगार करती हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से महादेव और गौरी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। हरे रंग के अलावा आप नारंगी, गुलाबी और पीला रंग भी पहनकर पूजा आराधना कर अपने आराध्य शिव पार्वती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। उपरोक्त रंग भी सौभाग्य सूचक माने जाते हैं।
श्रावण माह में वर्जित रंग
हिंदू शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में कुछ रंगों को पहनना सर्वथा वर्जित है। इनमें काले रंग को पहनने की प्रमुख रूप से मनाही है। वस्तुत: काले रंग के कपड़े शनिवार को ही पहने जाने चाहिए। लेकिन सावन में तो इस दिन भी लोग काले परिधान पहनने से परहेज करते हैं और शिव का प्रिय रंग हरा ही पहनते हैं।
दरअसल काला रंग पहनने से हमारे शरीर और आस पास के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए पूजा आराधना के समय तो भूलकर भी काला परिधान नहीं पहनना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मटमैला और भूरा रंग भी पूजा पाठ के समय नहीं पहनना चाहिए क्योंकि ये रंग ऊर्जावान नहीं माने जाते।
ये भी पढ़ें...Hariyali Teej Festival : सावन में हरे लिबास और लाल आलते का रहस्य, जिसे जानकर चौंक जाएंगे आप