rajasthanone Logo
Hariyali Teej Festival: सावन में सुहागिनों के लिए खास तीज मनाया जाता है। जानिए क्यों लगाया जाता है महावर और क्यों पहना जाता है हरा रंग।

Hariyali Teej Festival : सावन का महीना शिव और शिव भक्तों को अत्यंत प्रिय होता है क्योंकि भगवान शिव मां पार्वती के साथ कैलाश पर्वत से धरती पर आ विराजते हैं। इसी कारण इस महीने में हर तरफ हरियाली, ताजगी और उत्साह का वातावरण रहता है। सावन माह में ही हरियाली तीज का आयोजन होता है जो शिव पार्वती के पुनर्मिलन का आनंदित उत्सव होता है। सावन में हरा रंग ताजगी और प्रकृति से संतुलन का प्रतीक है और लाल रंग का आलता सुहाग, सौभाग्य और लक्ष्मी का आह्वान करता है।

क्यों है हरियाली तीज सुहागन के लिए खास

सावन आते ही हरियाली तीज की रौनक से घर आंगन खिल उठता है। युवतियों की झूले पर खिलखिलाती हंसी, पैरों में महावर, हाथों में में मेहंदी और सोलहों श्रृंगार की हुई सुहागिनें हरियाली तीज के महत्व को और दर्शाती हैं। इस विषय में क्या कहते हैं भोपाल के जाने माने ज्योतिषी पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा -

महावर लक्ष्मी जी के चरणों का प्रतीक

महावर को कई जगहों पर आलता कहा जाता है जिसे सुहागिनें अपने पैरों पर लगाती हैं। हिंदू धर्म में महावर को लक्ष्मी जी के पैरों का चिन्ह माना जाता है। सुहागिन स्त्रियों के लिए ये उनके सुहाग की पावन पहचान है। आलता को कुंवारी कन्याओं के पैरों में लगाकर घर की दहलीज पर उसकी छाप ली जाती है । पंडित जी के अनुसार दक्षिण दिशा की ओर बैठकर आलता नहीं लगवाना चाहिए। इसके साथ ही मंगलवार के दिन भी पैर रंगवाने की मनाही है क्योंकि लाल रंग मंगल का प्रतीक होता है।

हरे रंग का विशेष महत्व

हरियाली तीज का त्योहार शिव पार्वती के पुनर्मिलन के उत्सव का प्रतीक है। आदि परंपरा के अनुसार मां पार्वती ने कई जन्मों की तपस्या के बाद महादेव को पति के रूप में प्राप्त किया था। सावन का महीना हरियाली से परिपूर्ण होता है। भगवान शिव को पेड़ पौधे और हरियाली अति प्रिय है। इसी कारण महिलाएं हरे वस्त्र और हरी चूड़ियों से अपना श्रृंगार करती हैं और शिव पार्वती के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करती हैं। हरा रंग ठंडक का एहसास कराता है और मन में नई उमंग का संचार करता है।

निर्जल व्रत के साथ सोलह श्रृंगार

हरियाली तीज के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। इस व्रत की महिमा और महत्व ये है कि शिव पार्वती की कृपा से दांपत्य जीवन अच्छी बनी रहती है।

ये भी पढ़ें...Jaipur Moti Dungri: मोती डूंगरी में शुरू हुआ पंचरत्नी श्रृंगार, जानें कैसे होगी इसकी शुरुआत और क्या हैं पोशाक की खासियत

5379487