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Farming Tips: आपको बताएंगे नागौर की उन खास फसलों के बारे में, जिनकी खेती ने यहां के किसानों की किस्मत बदल दी है।

Farming Tips: खरीफ का आगमन होते ही नागौर की धरती जैसे जीवंत हो उठती है। सूखी मिट्टी में जान आ जाती है और खेतों पर हरियाली की चादर बिछ जाती है। खास बात ये है कि यहां के किसान उन फसलों पर दांव लगाते हैं जिन्हें ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती लेकिन मुनाफा जबरदस्त होता है। आज हम आपको बताएंगे नागौर की उन खास फसलों के बारे में, जिनकी खेती ने यहां के किसानों की किस्मत बदल दी है। कम लागत, कम पानी, और मुनाफा बेहिसाब यही है नागौर की खेती की असली पहचान।

1.मोंठ

मोंठ नागौर जिले की पारंपरिक खरीफ फसलों में से एक है, जिसे लगभग हर क्षेत्र में उगाया जाता है। यह फसल कम वर्षा, तेज गर्मी और रेतीली मिट्टी में भी शानदार पैदावार देती है, जिससे यह नागौर की जलवायु के लिए पूरी तरह उपयुक्त बनती है। इसकी बुवाई जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के मध्य तक की जाती है। इसकी खेती कम लागत में हो जाती है और बाजार में इसकी स्थायी मांग बनी रहने से किसान को नियमित और अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है। कठिन परिस्थितियों में भी मजबूत उत्पादन देने वाली यह फसल किसानों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प है।

2.ग्वार 

नागौर की रेत में ग्वार ऐसे उगता है जैसे किसी खजाने की बेल। जून के अंत से जुलाई के बीच बोया जाता है और कम बारिश, रेतीली मिट्टी में भी लहराता है। इसकी सबसे खास बात इससे निकलने वाला गोंद विदेशों तक भेजा जाता है । इंडस्ट्रीज में इसकी जबरदस्त मांग है। बीज भी अच्छे दाम पर बिकते हैं और फली की सब्जी बनती है या फिर जानवरों के लिए चारा के रूप में उपयोग होता है।

3.बाजरा

नागौर की खरीफ फसलों में बाजरा सबसे चमकता सितारा है। जून-जुलाई में बोया जाता है और अक्टूबर तक खेतों से घर की थाली तक पहुंच जाता है। इसमें होता है ताकत का खजाना  प्रोटीन, फाइबर और आयरन। किसान परंपरागत बीजों के साथ 'राज बाजरा' और 'HHB 67' जैसी उन्नत किस्में भी अपनाते हैं। इसमें सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है।

4. मूंग 

नागौर की धरती पर बोए जाने वाले प्रमुख फसलों में से एक है। कम पानी, कम देखभाल और ज़बरदस्त प्रोटीन से भरपूर दाने प्राप्त होते है। मूंग मिट्टी की ताकत भी बढ़ती है और अगली फसलों के लिए जमीन तैयार करती है। 

5.मक्का

मक्का नागौर जिले की प्रमुख खरीफ फसलों में से एक है, जो किसानों को बेहतर आमदनी देने वाली फसल मानी जाती है। इसकी बुवाई जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक की जाती है, और फसल अक्टूबर तक पककर तैयार हो जाती है। मक्का के सुनहरे भुट्टे और दाने न केवल मानव आहार में पोषण का अच्छा स्रोत हैं, बल्कि पशुओं के चारे और औद्योगिक उपयोग में भी बेहद काम आते हैं। 

6.तिल

तिल एक प्रमुख तिलहन फसल है, जो नागौर के गर्म और शुष्क वातावरण में खरीफ के दौरान उगाई जाती है। इसकी बुवाई जुलाई के पहले पखवाड़े में होती है । यह फसल पोषक तत्वों से भरपूर है। तिल बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।

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