Gaon Chalo Abhiyan: सरकार योजनाएं तो बहुत बनाती है, लेकिन वह योजनाएं अगर लाभार्थियों तक पहुंचे ही नहीं, तो भला ऐसी योजना का क्या फायदा। इसी को ध्यान में रखते हुए भजनलाल सरकार ने 'गांव चलो अभियान' शुरू किया है। इस अभियान का मकसद यह होगा कि सरकार की जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं, उसका लाभ गांव के हर एक किसान को मिल सके। गांव के किसान समाचार पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जिसके कारण वह सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
कब शुरू होगा अभियान
हालांकि इसमें किसान की भी गलती नहीं है, क्योंकि किसान भला अपनी खेती गृहस्ती में व्यस्त रहे, या फिर वह समाचार देखने में ध्यान दें। इसी को लेकर 18 सितंबर से गांव चलो अभियान की शुरुआत होने जा रही है। जिसके तहत हर ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। यह अभियान तब तक चलेगा, जब तक की प्रत्येक पंचायत समिति के सभी ग्राम पंचायत में शिविर का आयोजन नहीं हो जाता है। शिविर की तैयारी और उसकी समीक्षा की जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों को सौंप दी गई है।
कलेक्टरों और विधायक को मिले आदेश
चुकी फिलहाल सभी किसान खेती बाड़ी में व्यस्त हैं, ऐसे में लाभार्थियों को शिविर तक लाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में भजनलाल सरकार ने कलेक्टरों और विधायक को भी या आदेश दिया है कि किसी भी तरह गांव चलो अभियान को सफल बनाया जा सके। जानकारी के अनुसार गांव चलो अभियान के दौरान हर गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को शिविर लगाए जाएंगे, जबकि प्रत्येक दिन 2 ग्राम पंचायत में शिविर आयोजित किए जाएंगे। बता दें की इन पंचायत में शिविर सुबह 10:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक लगाया जाएगा।
पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
जिसमें पंचायत भवन, स्कूल भवन या फिर सार्वजनिक स्थलों पर शिविर लगाए जाएंगे। इनमें योजनाओं के आवेदन लिए जाएंगे कि कौन किसान किस योजना का लाभ लेना चाहते हैं। UDID कार्ड के लिए आवेदन व विवरण भी किया जाएगा। दूसरी ओर पशुपालन विभाग पशु स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित करेंगे, ताकि गांव के हर एक किसान को इसका लाभ मिल सके। इन शिविरों में जमीनों का बंटवारा, नामांतकरण, फतेह खोलना, जाति प्रमाण पत्र, आय, जमीन की रजिस्ट्री करना, बिजली तारों में खाबो में सुधार, वृक्षारोपण, बीज मिनी किट वितरण इत्यादि है।
यह अभियान सफल हो इसके लिए राज्य स्तर पर एक सामान्य प्रकोष्ठ बनाया गया है। पंचायत स्तर के कर्मचारी गांव के लोगों को शिविर के बारे में जानकारी देंगे और यह भी बताएंगे कि वह इसका लाभ कैसे ले सकते हैं। वहीं प्रभारी सचिव इस अभियान की अवधि में जिले का दौरा करेंगे और निरीक्षक पोर्टल पर जानकारी अपलोड करेंगे। वहीं प्रत्येक विभाग के अधिकारियों को शिविर समाप्ति के बाद हर दिन रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने की भी जिम्मेदारी दी गई है।
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