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Rajasthan Self Employment: राजस्थान में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

Rajasthan Self Employment: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा युवा उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी विश्वकर्मा युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना को शुरू किया गया है। 23 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृत इस नीति का मोटो युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। इतना ही नहीं बल्कि व्यवसाय निर्माण व्यवस्था में आने वाले दिक्कतों को भी दूर करना है। 

ऋण पर 8% तक ब्याज सब्सिडी

आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत वित्तीय संस्थानों के जरिए कम ब्याज दरों पर 2 करोड़ तक का ऋण मिलता है। इस नीति के अंतर्गत लाभार्थियों को 8% तक की ब्याज सब्सिडी मिलेगी। इसके बाद युवा उद्यमियों को वित्तीय बोझ कम करने में सहायता मिलेगी और साथ ही नए उद्यम स्थापित करने या फिर मौजूद उद्यमों का आधुनिकरण करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।

समावेशीपन के लिए विशेष प्रावधान

आपको बता दें कि योजना को समावेशी बनाने के लिए महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग उद्यमियों, ग्रामीण उद्योगों, कार्ड धारक बुनकरों और शिल्पकारों के लिए अलग से एक प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। इतना ही नहीं बल्कि उद्यमिता की राह को और भी आसान बनाने के उद्देश्य से 25 प्रतिशत या फिर ₹5 लाख तक का मार्जिनल मनी अनुदान भी दिया जाता है।

आर्थिक विकास की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि युवा राज्य और देश का भविष्य हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह योजना रोजगार सृजन, कौशल विकास और युवाओं के लिए नवाचार, विकास और अर्थव्यवस्था में योगदान के अवसर को पैदा करने में काफी मदद करेगी। आपको बता दें कि इस पहल के अलावा राजस्थान कौशल नीति, युवा रोजगार प्रोत्साहन योजना और युवा नीति जैसी नीतियां 5 सालों में चार लाख सरकारी नौकरी और 6 लाख निजी क्षेत्र की नौकरी के लक्ष्य को प्राप्त करने की सरकार के निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शा रही है।

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