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Vinayak Chaturthi: कल विनायक चतुर्थी का पर्व है। बता दें कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधि-विधान से की जाती है। मान्यता है कि जो जातक विनायक चतुर्थी के दिन विधि-विधान से पूजा पाठ करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Vinayak Chaturthi: सनातन धर्म में हर दिन और प्रत्येक तिथि का अपना धार्मिक और शास्त्रिय महत्व होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। यह पर्व प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन लोग घर की समृद्धि और उन्नति के लिए व्रत और पूजा करते हैं।

कहते हैं कि विनायक चतुर्थी पर गणपति की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस बार आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी खास रहने वाली है क्योंकि इस चतुर्थी पर दो शुभ योग बन रहे हैं।

दो शुभ योगों में मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी

आषाढ़ विनायक चतुर्थी का पर्व इस साल यानी 2025 में 28 जून 2025 दिन शनिवार को रखा जाएगा। बता दें कि विनायक चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। ज्योतिषिय दृष्टि से यह योग सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है।

इस योग में की गई पूजा और शुभ कार्य अवश्य सफल होते हैं। साथ ही दूसरा शुभ योग अमृत सिद्धि योग भी बनने जा रहा है। यह योग भी बहुत शुभ माना जाता है और इसमें किए गए काम लंबे समय तक शुभ फल देते हैं।

विनायक चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता के रूप में पूजा जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और सच्चे मन से गणपति बप्पा की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का संचार होता है।

भगवान को कैसे प्रसन्न करें

गणेश जी की पूजा करते समय 21 दूर्वा अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा बनी रहती है।

इस दिन श्री गणेशाय नमः मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से विघ्नहर्ता की कृपा बनी रहती है। जीवन में आने वाली सभी तरह की बाधाएं भी समाप्त होती हैं।

विनायक चतुर्थी पर पूजा करते समय भगवान गणेश को उनके पसंदीदा मोदक या बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए। इस दिन भगवान के मंदिर में जाकर सिंदूर, लाल फूल, नारियल, सुपारी, कलावा और जनेऊ चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।

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