Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे खास माना जाता है। इस महीने की शुरुआत हर साल भक्ति, आस्था और व्रत-उपवास से होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। लेकिन भगवान शिव की पूजा में ध्यान देने वाली बात यह है कि इस महीने में कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी है।
प्रौराणिक ग्रंथों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में कई ऐसे कार्य होते हैं जिसे करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि अगर इन बातों का ध्यान आप नहीं रखते हैं तो इसका असर न सिर्फ आपकी सेहत पर पड़ सकती है, बल्कि धन, संतान और पारिवारिक सुख-शांति पर भी पड़ सकती है। आइए जानते हैं ऐसे 5 कामों के बारे में जिन्हें सावन में बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
1. बाल या दाढ़ी न कटवाएं
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन के पवित्र माह में बाल या दाढ़ी कटवाना शुभ नहीं माना गया है। मान्यता है कि जो जातक ऐसा करते हैं उनके जीवन में बार-बार बाधाएं आती हैं इसके साथ ही अच्छे कामों में बाधाएं बढ़ सकती हैं। यह समय सजने-संवरने का नहीं, ध्यान और संयम का है।
2. सावन में तेल लगाना वर्जित है
पुराणों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को सावन महीने में शरीर या सिर पर तेल लगाने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस महीने में जो जातक ऐसा करते हैं उन्हें बीमारियों का सामना करना पड़ता है और व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ सकता है। खास तौर पर सोमवार को तो बिल्कुल भी तेल न लगाएं।
3. दही खाने से बचें
सावन में दही खाना भी अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दौरान दही खाने से शुक्र दोष लगता है और जीवन में भाग्य आपका साथ नहीं देता। खास तौर पर रात के समय तो दही बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। इसकी जगह छाछ या नींबू पानी लेना बेहतर होता है।
4. दूध का सेवन न करें
इस महीने में शिवलिंग पर दूध चढ़ाना पुण्यकारी माना जाता है, लेकिन दूध पीने से बचना चाहिए। खास तौर पर व्रत रखने वाले लोगों को दूध की जगह फल, पानी और दूसरी सात्विक चीजों का सेवन करना चाहिए। माना जाता है कि सावन में दूध का सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
5. बिस्तर पर न सोएं
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन में व्रत रखने वाले जातको को जमीन पर चटाई या कालीन बिछाकर सोना चाहिए। मान्यता है कि जो जातक इस नियम को पालन करता है उस व्यक्ति का शरीर और मन दोनों ही पवित्र हो जाता है।
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