Hariyali Teej festival : हरियाली तीज सावन के खास त्योहारों में से एक है, जिसे महिलाएं पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाती हैं। यह हिंदू धर्म में बहुत खास माना जाता है। शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती है। कहा जाता है कि यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है। इस दिन माता पार्वती और महादेव की पूजा की जाती है। हरियाली तीज का व्रत महिलाएं पूरे विधि विधान के साथ रखती हैं। कई बार अज्ञानता के कारण पूजा के विधि विधान का नियम टूट जाता है जिस कारण से व्रत का मिलने वाला फोन कम होता ही है। साथ में घर में संकट और अनहोनी की आशंका भी बढ़ जाती है। आईए जानते हैं किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन नियमों को भूलकर नहीं तोड़ना चाहिए....
निर्जला और निराहार व्रत रखें
अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं, तो यह जानना जरूरी है कि इस व्रत में पानी और खाना दोनों नहीं लिया जाता। यह पूरी तरह निर्जला और उपवास वाला व्रत होता है। इस दिन ना तो भोजन का ग्रहण किया जाता है और नहीं पानी पिया जाता है। खाने पीने से इस व्रत को अधूरा माना जाता है और मां पार्वती की कृपा उन पर कम होती है।
मंगलवार के दिन खरीदारी से बचें
हरियाली तीज के आगमन पर बहुत सी महिलाएं व्रत और श्रृंगार का सामान खरीदती हैं। लेकिन ऐसा कहा गया है कि मंगलवार के दिन इन सामानों को खरीदने से बचें। इस दिन खरीदारी करना अशुभ माना जाता है।
नुकीली चीजों से करें परहेज
कहा जाता है कि इस दिन नुकीली वस्तुओं का प्रयोग ना करें। सुई-कैंची जैसी चीजों का उपयोग न करें। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा बाधित होती है।
इन वस्तुओं को छूने से नहीं मिलता व्रत का फल
कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जिनको छूने से बचना चाहिए। इनमें अंडा, मांस, मछली शराब, चमड़े आदि शामिल है। इनको छूने से व्रत का फल नहीं मिलता है।
काली चूड़ी का प्रयोग वर्जित
अक्सर देखा गया है कि बहुत सारी महिलाएं आधुनिकता के दौर में रंगों का परहेज नहीं करती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस मौके पर काली चूड़ी पहनना अशुभ माना गया है। हरे रंग की चूड़ियों का ही प्रयोग करें जिससे परिवार में खुशहाली और समृद्धि आती है।
यह भी पढ़ें...Udaipur Ke Amarnath: गुप्तेश्वर महादेव को क्यों कहा जाता है उदयपुर का अमरनाथ, जानें मंदिर से जुड़ा रोचक इतिहास