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Rajasthan Health Care: राजस्थान के जयपुर में स्थित राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अस्पताल को अब राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान में परिवर्तित किया जा रहा है। आइए जानते हैं क्या होगा इससे फायदा।

Rajasthan Health Care:  जयपुर स्थित राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अस्पताल को अब राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान में बदला जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इस बजट को स्वास्थ्य सेवाओं और अनुसंधान अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए तीन नियोजित चरणों में विकसित किया जाएगा।

उन्नत स्वास्थ्य सेवा के लिए चरणबद्ध विकास 

आपको बता दें कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को  आयुर्विज्ञान संस्थान में बदलने की परियोजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना को विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना पर केंद्रित करना होगा। गुरुवार को आयोजित आरयूएचएस में एक समीक्षा बैठक के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को कुलपति प्रोफेसर प्रमोद येवले और चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार सहित अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। 

पहले चरण में उन्नत चिकित्सा आवश्यकताओं वाले अधिक रोगियों की सेवा के लिए मौजूदा सेवाओं को अपग्रेड किया जाएगा और साथ ही सुपर स्पेशलिस्ट सेवाओं के विस्तार पर भी जोर दिया जाएगा। इस योजना के दूसरे चरण में समर्पित सुपर स्पेशलिटी विभागों का निर्माण किया जाएगा और साथ ही तीसरे चरण में अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 

क्या होगी समय सीमा 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौर ने इन सभी कार्यों के लिए एक समय सीमा को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ एक निर्धारित बजट और समय सीमा के भीतर विश्व स्तरीय चिकित्सा संस्थान का निर्माण किया जाएगा।

नई सुविधा और आगामी इकाइयां 

गंभीर और वृद्ध रोगियों की विशेष देखभाल के लिए एक ट्रॉमा सेंटर और एक जेरिएट्रिक हेल्थ केयर रिसोर्सेस एंड रिसर्च स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा एक थैलेसीमिया इकाई का भी निर्माण किया जाएगा। आपको बता दें कि क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है और जल्द ही इसका उद्घाटन भी किया जाएगा। सिर्फ  इतना ही नहीं बल्कि एक सुपर स्पेशलिटी विंग की स्थापना का प्रस्ताव भी जल्द ही वित्त विभाग को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

कार्यरत चिकित्सा सेवाएं

आरयूएचएस अधीक्षक डॉ महेश मंगल के मुताबिक अस्पताल में पहले से ही कई नई चिकित्सा सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। कैथ लैब, प्लास्टिक सर्जरी, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, खेल संबंधी चोटों और लिगामेंट सर्जरी जैसी सुविधा पहले से ही मौजूद है। आपको बता दें कि अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर है। इसके अलावा अस्पताल में पोस्टमार्टम की भी सेवाएं शुरू हो गई हैं और ओपीडी हर रोज 2200 से 2600 मरीजों को चिकित्सा परामर्श दे रहा है।

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