Women Role Increase In Rajasthan Business: आमिर खान की मूवी दंगल का एक डायलॉग है, मेरी बेटियां बेटों से कम है क्या। इसी डायलॉग को एक बार फिर से राजस्थान की महिलाओं ने सही साबित किया है। छोटे और मध्यम वर्ग के उद्योगों में राजस्थान की महिलाएं पुरुषों से भी ज्यादा भूमिका निभा रही है। मैन्युफैक्चरिंग में आलम यह है कि अब 52 फीसदी से ज्यादा इकाइयों की मालिक महिलाएं हैं।
कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट आई सामने
इससे यह पता चलता है कि राजस्थान की महिलाएं अब सिर्फ घर परिवार और चार दिवारी तक सीमित नहीं रही है। महिलाएं उद्योग और व्यापार में भी पुरुषों को जबरदस्त तरीके से टक्कर दे रही हैं और उत्पादन के क्षेत्र में तो महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़कर आगे निकल गई है। यह रिपोर्ट कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी असंगठित क्षेत्र उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला है।
सरकारी योजनाओं का मिला सहयोग
इसके अनुसार पिछले तीन साल में महिला स्वामित्व वाली छोटी और मध्य इकाइयों की हिस्सेदारी लगभग 6 फीसदी बढ़ी है। उत्पादन में महिलाओं की भूमिका 52 फ़ीसदी से भी अधिक होना पारंपरिक कौशल व सूक्ष्म वित्त पोषण की उपलब्धता को दर्शाता है। वहीं इसमें सरकारी योजनाओं का भी काफी सहयोग रहा है। इसके कारण घरेलू स्तर पर उत्पादन इकाई बनाने के लिए सरकार ने महिलाओं को प्रेरित किया और उसे ट्रेनिंग भी दी थी।