IMD Rajasthan update 2025: राजस्थान में बीते दिनों में भयंकर गर्मी का सितम देखने को मिला है। प्रदेश के लोग गर्म हवाओं के थपेड़े से काफी परेशान है। इसी बीच खबर आ रही है कि अगले महीने यानी जून के महीने में संभावना है कि प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून तय समय से पहले दस्तक देगा। इन दिनों आसमान से आग बरस रही है, जिसने लोगों का घर से निकलना भी बेहाल कर दिया है। मौसम विभाग ने केरल राज्य में मानसून तय समय से पहले आने की संभावना जताई है। साथ ही राजस्थान में मानसून तय समय से आने का दावा किया है। अगर मौसम विभाग का दावा सही साबित होता है तो, जुलाई और अगस्त के महीने में प्रदेश के कई शहरों, इलाकों में तेज बारिश हो सकती है।
पिछले सालों में तय समय पर आया मानसून
राजस्थान में हर साल लगभग 25 जून के आसपास दक्षिण पश्चिम मानसून की एंट्री होती है। जुलाई के पहले पखवाड़े में दस्तक देने के बाद मानसून धीमा हो जाता है और उसके बाद दूसरे पखवाड़े से अगस्त महीने में सबसे ज्यादा बारिश होती है। बीते 2 सालों में प्रदेश में मानसून तय समय पर ही आया है। प्रदेश में बारिश का आंकड़ा भी 95% तक रहा है।
108 फीसदी तक बारिश होने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में इस बार मानसून तय समय से पहले आने की संभावना है और सामान्य से लगभग 108 फीसदी बारिश हो सकती है। प्रदेश की राजधानी जयपुर में साल 2022, 2023, 2024 में प्री मानसून मई महीने से ही शुरू हो गया था। साल 2023 में प्री मानसून बारिश जून महीने के मध्य में ही शुरू हो गई थी। साथ ही साल 2024 में प्री मानसून बारिश मई के आखिर और जून की शुरुवात में हुआ था।
वर्षा जल संरक्षण करने से भूजल पर काम होगी निर्भरता
प्रदेश के अधिकांश शहरों में लोग पेयजल और सिंचाई के लिए भूजल पर निर्भर रहते हैं। जिसके कारण भूजल की कमी होती जा रही है और भूजल को दुबारा भरने के लिए वर्षा का जल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। पिछले सालों में प्रदेश में 4 महीने की बारिश होने से भूजल का स्तर धीरे धीरे बढ़ रहा है। अब प्रदेश में वर्षा जल संरक्षण बहुत जरूरी हो गया है, जिसके लिए नदी, पोखर, तालाबों की जरूरत ओर ज्यादा बढ़ गई है। सरकार ने इसके लिए अटल भूजल योजना 2019 और कैच द रेन 2024 योजनाएं भी शुरू की हैं।
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