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Rajasthan Bus Strike: राजस्थान में आम लोगों की परेशानियां बढ़ने वाली है। क्योंकि 8,500 प्राइवेट बसें हड़ताल पर चली गई है। परिवहन विभाग की शख्ती के बाद ऑपरेटर ने यह फैसला किया है। 

Rajasthan Bus Strike: राजस्थान में हाल के दिनों में कई बसों में अग्निकांड देखने को मिला। पहले जैसलमेर में यह घटना सामने आई थी इसके बाद राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में कई बसें जलती हुई दिखी। इसके बाद राजस्थान परिवहन विभाग ने काफी शख्ति दिखाई और धड़ल्ले से चालान काटने शुरू कर दिए। परिवहन विभाग की शख्ती के विरोध में 31 अक्टूबर रात 12:00 से पूरे राजस्थान में 8500 बसें बंद रहेगी।

हमारी बसों को किया जा रहा सीज- ऑपरेटर

 इन बसों के ऑपरेटर ने परिवहन विभाग की शख्ती के विरोध में हड़ताल कर दिया है। ऑपरेटर का कहना है कि परिवहन विभाग द्वारा बेवजह हमारे चालान काटे जा रहे हैं और हमारी बसों को सीज किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने सरकार से 3 महीने का समय मांगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8000 से अधिक बसों के हड़ताल होने से आम लोगों की परेशानी काफी बढ़ने वाली है। हाल ही में जैसलमेर और जयपुर के मनोहरपुर क्षेत्र में हुई बस घटना के बाद परिवहन विभाग ने यह फैसला लिया और निजी बसों पर शख्ती बढ़ानी शुरू कर दी।

अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला

इसके विरोध में या बस ऑपरेटरों ने अनिश्चितकाल हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है। शुक्रवार को जयपुर में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑपरेटर की एक बैठक हुई और उसे बैठक में ही यह फैसला लिया गया कि हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। बताते चले कि जिन 8500 निजी बसों के ऑपरेटर ने हड़ताल करने का ऐलान किया है, उनमें से 2000 बसें अकेले जयपुर में चलती है। 

सरकार से मांगा 3 महीने का समय

बस ऑपरेटर का कहना है कि परिवहन विभाग के रवैये के कारण हमें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और कई रूट पर बसे बंद भी करनी पड़ी है। इसके लिए ऑपरेटर ने सरकार से 3 महीने का समय मांगा और कहा कि हम तीन माह में वाहनों में सुरक्षा से जुड़ी जो भी कमियां है, उसे दूर कर लेंगे। अब देखने वाली बात होगी की विभाग द्वारा ऑपरेटर की मांग पर क्या एक्शन लिया जाता है। 

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