Rajasthan Education Department: पदोन्नत दिव्यांग व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में पदस्थापन से पहले व्याख्याताओं की मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच अनिवार्य कर दी है। निदेशक सीताराम जाट में आदेश जारी करते हुए कहा कि अपनी नई भूमिका में कार्यभार ग्रहण करने से पहले शिक्षकों की दिव्यांगता की जांच और साथ ही प्रमाण पत्रों का सत्यापन जरूर किया जाना चाहिए।
जॉइनिंग के लिए मेडिकल सत्यापन जरूरी
दिए गए नए आदेश के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 22-23 के लिए डिपार्मेंटल प्रमोशन कमेटी के दौरान प्रमोट किए गए ऑनलाइन काउंसलिंग के बाद अपनी पोस्टिंग आदेश प्राप्त कर चुके व्याख्याताओं को कार्यभार शुरू करने से पहले मेडिकल सत्यापन से गुजरना होगा।
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विशेष मामलों में प्रदान की गई छूट
आपको बता दे कि इन निर्देशों में कुछ छूट भी प्रदान की गई हैं। जो भी शिक्षक पूर्ण रूप से दृष्टिहीन है उन्हें मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने की कोई जरूरत नहीं है। ठीक इसी तरह जो मूल रूप से प्रमाणित विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त किए गए थे वे भी सत्यापन प्रक्रिया से अलग रहेंगे। शिक्षा अधिकारियों का यह तर्क है की सत्यापन की जांच उचित नियुक्ति के लिए काफी जरूरी है।
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