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Rajasthan Village:उदयपुर जिले का कोटड़ा देवला गांव जंगलों में नदी किनारे सिर्फ छह महीने बसता है। यहां कथौड़ी परिवार बांस कटाई से रोजगार पाते हैं। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

Rajasthan Village: राजस्थान अपनी खूबियों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहां आपको अलग-अलग संस्कृति और पहनावा देखने को मिलेगा। वहीं यहां के गांव भी अपनी खासियत के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। ऐसा ही एक गांव उदयपुर जिले में कोटड़ा देवला फेमस है। यह गांव जंगलों में नदी के किनारे छह महीने बसता है। 50 से ज्यादा कथौड़ी परिवार अक्टूबर से मार्च तक यहां बांस कटाई करते हैं। पिछले 40 साल से यहां 6 महीने के लिए गांव बसाए जाते हैं। आपको बता दें कि इससे वन विभाग को लगभग 3.50 करोड रुपए का राजस्व मिलता है।

विभाग ने बांस के जंगलों को चार हिस्सों में बांटा हुआ है

उदयपुर में डेंड्रोकैलेमस स्ट्रीक्टस प्रजाति के पास होते हैं। जिनकी खासियत उनकी लंबाई है। यह 35 से 40 फीट तक होते हैं। विभाग ने बांस के जंगलों को चार हिस्सों में बांटा हुआ है इसलिए जिस हिस्से की कटाई हो रही है वह 4 साल बाद कटेगा। इससे जंगलों का संतुलन भी बना रहता है और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है।

कथौड़ी समुदाय बांस कटाई में माहिर हैं

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है की कथौड़ी समुदाय बांस कटाई में माहिर हैं। अंग्रेज 200 साल पहले महाराष्ट्र से इन्हें लाए थे। इस जनजाति के लोग अंगदा, फुलवारी नाल एरिया की कुछ हिस्सों में बसे हुए हैं। इसके साथ ही आपको बताते चलें कि हर महीने के 10 और 25 तारीख को सिरोही में नीलामी की जाती है।

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