Merchant Navy Rule Change: राजस्थान के कोटा के रहने वाली प्रियंका सेन ने वो काम कर दिखाया है जो अब तक देश की कोई भी लड़की नहीं कर पाई थी। मर्चेंट नेवी में करियर बनाने का सपना लेकर आगे बड़ी प्रियंका ने न केवल पुरुष प्रधान क्षेत्र में अपनी जगह बनाई बल्कि भारतीय मरीन सर्विस के नियम बदलवाने में भी अहम भूमिका निभाई है। उनकी जिद्द ने दुनियाभर की कम कद की लड़कियों के लिए मर्चेंट नेवी में करियर बनाने का रास्ता खोल दिया है। आपको बता दें कि अब तक मर्चेंट नेवी में जाने के लिए लड़कियों की हाईट 157 सेमी होना जरूरी था, लेकिन प्रियंका की कड़ी मेहनत के बाद अब इसे 5 सेंटीमीटर घटकर 152 कर दिया गया है। इससे पहले 157 सेंटीमीटर से कम कद वाली लड़कियां शिपिंग कोर्स ही नहीं कर पाती थी। वहीं प्रियंका ने इस नियम में बदलाव के लिए मर्चेंट नेवी अधिकारियों से बार-बार तर्क के साथ आग्रह किया और उनकी इस जिद्द ने नियम को बदलने में मजबूर कर दिया।
हार्मनी ऑफ द सीरीज पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं
प्रियंका अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित रॉयल कैरीबियन इंटरनेशनल कंपनी हार्मनी ऑफ द सीरीज पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई कोटा से की इसके बाद उन्होंने सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर से बीटेक किया एनसीसी की आर्मी विंग जॉइन की लेकिन वह नेवी में जाना चाहती थी। प्रियंका ने बीटेक करने के बाद नेवी में जाने के लिए का कोर्स किया। जहां उन्हें फीस जमा होने के बाद भी निकाल दिया गया, क्योंकि वह लड़की थी। वहीं मुश्किल के बाद उन्हें दूसरी जगह एडमिशन मिला, लेकिन उन्हें कोर्स करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली।
कोई हर कंपनी में यह कहकर उन्हें मना कर दिया जाता था कि मरचेंट शिपिंग में तकनीकी विभाग में लड़कियां नहीं जाती थी।
प्रियंका कोटा की पहली लड़की बनीं जिन्होंने मार्चेंट नेवी में ट्रेनिंग पूरी कर नौकरी हासिल की
ऐसे में प्रियंका ने कई कोशिश की लेकिन फिर भी किसी कंपनी ने उन्हें मौका नहीं दिया, लेकिन प्रियंका ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने लगातार प्रयास जारी रखा और आखिरकार 2021 में उन्हें एंगलो ईस्टर्न कंपनी में मौका मिला। उनका सेलेक्शन हुआ और वह जहाज पर गईं। इसके साथ ही प्रियंका कोटा की पहली लड़की बनीं जिन्होंने मार्चेंट नेवी में ट्रेनिंग पूरी कर नौकरी हासिल की। ऐसे में प्रियंका का कहना है कि अगर लड़कियों को मौका दिया जाए तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर ही नहीं, बल्कि उनसे आगे तक जा सकती हैं।







