Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन के तहत 2022 में जोधपुर में शुरू होने वाली दीवानिया-नाथड़ाऊ परियोजना में बिना अनुमति के बदलाव कर दिया गया। पथरीले इलाके के कारण, 450 किलोमीटर लंबी लोहे की पाइपलाइन बिछाई जानी थी। इसके बजाय, 80 मिमी की प्लास्टिक पाइपलाइन बिछाई गई। इस बदलाव के कारण ₹30 करोड़ की धनराशि कम हो गई। इसके अलावा, बिना अनुमति के पाइपलाइन कनेक्शन की दूरी 5,000 किलोमीटर से बढ़ाकर 7,000 किलोमीटर कर दी गई।
पीएचईडी मुख्यालय ने इसकी मंजूरी नहीं दी
तकनीकी समिति ने बदलाव को मंजूरी नहीं दी।
पीएचईडी ने 15 मार्च, 2022 को दीवानिया-नाथड़ाऊ परियोजना का कार्य आदेश एक संयुक्त उद्यम फर्म, जुबेर इंजीनियरिंग और मेसर्स बीआरसीसीपीएल को दिया। ₹262 करोड़ की इस परियोजना को मार्च 2024 में पूरा किया जाना था। फर्म ने एक साल तक पाइपलाइन नहीं बिछाई।
इसके बाद, अतिरिक्त मुख्य अभियंता नक्षत्र सिंह चारण ने लोहे की पाइपलाइनों के स्थान पर प्लास्टिक की पाइपलाइन बिछाने की स्वीकृति दे दी, जबकि परियोजना को विभाग की तकनीकी एवं वित्तीय समिति द्वारा नियमों के अनुसार स्वीकृति मिल चुकी थी। ऐसे में, दोनों समितियों की स्वीकृति से ही बदलाव किए जाने थे, जो नहीं किए गए।
यह परियोजना दो साल में पूरी होनी थी, लेकिन चार साल बाद भी परियोजना अधूरी है। परियोजना की अवधि तीन बार बढ़ाई गई। अब यह परियोजना 25 नवंबर को पूरी होगी। इसके तहत 50,000 कनेक्शन दिए जाने थे, लेकिन आधे ही लगाए गए। इसकी बीएसआर (बेसिक शेड्यूल रेट) भी तीन बार बदली गई। यह अनुमति मुख्यालय से नहीं ली गई। यह सीधे तौर पर ठेका कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।