Intensive Revision In Rajasthan: निर्वाचन आयोग मतदाताओं सूचियों में सटीकता और पारदर्शिता लाने के लिए एक पुनरीक्षण अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहा है। यह अभियान बिहार में शुरू हुआ था और अब राजस्थान में भी शुरू होने जा रहा है। हालांकि अभी अभियान की आधिकारिक तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन अधिकारियों ने पहले ही इस अभियान के साथ होने वाली कठोर दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे दी है। अगर आप मतदाता सूची में अपना नाम बनाए रखना चाहते हैं तो दस्तावेज पहले से तैयार कर लें।
यह अभियान क्यों है जरूरी
इस अभियान का उद्देश्य फर्जी प्रविष्टियों को हटाना और पहचान, आयु और जन्म स्थान के ठोस प्रमाण मांग कर असली मतदाताओं का सत्यापन करना है। इस अभियान के दौरान मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड को वेद नहीं मानेंगे। इसलिए व्यक्ति के जन्म वर्ष के आधार पर बाकी आधिकारिक रिकॉर्ड की जरूरत होगी।
जन्म वर्ष के आधार पर आवश्यक दस्तावेज
चुनाव आयोग द्वारा जन्म तिथि के आधार पर दस्तावेज आवश्यकताओं को तीन हिस्सों में विभाजित किया है:
यदि आपका जन्म 1987 से पहले हुआ है तो आपको अपनी पहचान और जन्म तिथि की पुष्टि करने वाला कोई भी आधिकारिक दस्तावेज चाहिए होगा। उदाहरण के तौर पर पहचान पत्र, पेंशन दस्तावेज या किसी भी सरकारी बैंक की पासबुक, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षिक प्रमाण पत्र या फिर निवास प्रमाण पत्र।
यदि आपका जन्म 1987 और 2004 के बीच है तो आपको और आपके माता-पिता दोनों के दस्तावेज की जरूरत होगी। इसमें पहचान प्रमाण और जन्म स्थान की पुष्टि जरूर होनी चाहिए।
अगर आपका जन्म 2004 के बाद हुआ है तो आपको अपनी पहचान और जन्म स्थान के साथ-साथ अपने माता-पिता के दस्तावेज भी जमा करने होंगे।
स्वीकृत दस्तावेज
नियमित सरकारी कर्मचारी या पेंशन भोगी का पहचान पत्र, पेंशन भुगतान आदेश, सरकारी/डाकघर/स्थानीय प्राधिकरण बैंक की पासबुक, जुलाई 1987 से पहले एलआईसी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, वैध जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शिक्षा प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर दस्तावेज, परिवार रजिस्टर या राशन कार्ड भूमि आवंटन प्रमाण पत्र।
आगे क्या करना है आपको
अब क्योंकि यह प्रक्रिया आने वाले हफ्तों में शुरू होने जा रही है इसलिए निवासियों और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं को अपने वैध दस्तावेज इकट्ठा करके रख लेने का सुझाव दिया जाता है। इससे उन्हें आगे की प्रक्रिया में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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