Rajasthan Education Department: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा लिया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा व्यवस्था में गंभीर सुधार हेतु शिक्षा विभाग के साथ प्रधान ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) तथा उनसे अपर स्तर के अधिकारियों को प्रत्येक माह के चार बार अपने क्षेत्र के गांवों में अनिवार्य रात्रि विश्राम करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के साथ ही संबंधित अधिकारियों को कठोर चेतावनी भी जारी की गई है कि किसी भी प्रकार की खानापूर्ति करने की कोशिश न करें। इसका धरातल पर आधारभूत मूल्यांकन किया जाएगा।
अधिकारियों को दिए ये खास निर्देश
राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने रात्रि विश्राम के संबंध में स्पष्ट रूप से निम्न दिशा-निर्देश जारी किए-
• अधिकारियों को शाम 6 बजे से अगली सुबह 6 बजे तक गांव में रात्रि विश्राम करना होगा।
• अधिकारियों को हर रात्रि विश्राम का विभागीय पोर्टल पर रियल टाइम रिपोर्ट अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा।
• अधिकारी केवल आदेशों की खानापूर्ति करने के लिए रात्रि विश्राम नहीं करेंगे। उसका वास्तविक असर जमीनी स्तर पर भी दिखाना होगा।
• इस दौरान उन्हें क्षेत्र के विद्यालयों की शिक्षा के स्तर, व्यवस्थाओं तथा सुविधाओं का आकलन करना होगा।
• भवनों की स्थिति, शैक्षणिक सामग्री तथा स्टाफ की उपलब्धता की जांच करनी होगी।
• छात्रों की पढ़ाई, समझ तथा सीखने के स्तर का अवलोकन कर शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना होगा।
• विद्यालय में बैठने की व्यवस्था, बिजली, पेयजल तथा शौचालयों की वस्तुस्थिति की आधारभूत समस्याओं की पहचान करना होगा।
• स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्रामीण परिवारों से संवाद स्थापित कर विद्यालय के विकास के संबंध में उनके सुझाव लेने होंगे।
शिक्षक संघ ने निर्देशों को सराहा
शिक्षक संघ राष्ट्रीय तहसील पीप़लू के अध्यक्ष दिनेश कुमार सुनार तथा ब्लॉक अध्यक्ष सियाराम के अध्यक्ष मोरपाल गुर्जर ने राजस्थान सरकार के निर्देशों को लेकर बताया कि पीईईओ तथा उच्च अधिकारियों के द्वारा रात्रि विश्राम से विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ ही अभिभावकों से संवाद स्थापित करने से छात्रों के शैक्षिक स्तर पर विमर्श हो सकेगा। इस कदम से ग्रामीणों का सरकारी स्कूलों में शिक्षा के प्रति जुड़ाव तथा विश्वास मजबूत होगा।
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