Type 2 Diabetes Diet: जयपुर में बच्चों में टाइप टू डायबिटीज के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। यह वृद्धि तीन गुना हुई है। इस समस्या से निजाद पाने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल अब स्कूलों के छात्रों और अभिभावकों के बीच अत्यधिक चीनी के सेवन के खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूल परिसर में शुगर बोर्ड लगवाया जाएगा। आईए जानते हैं इससे जुड़ी हुई सभी मुख्य बातें।
क्या है शुगर बोर्ड लगाने का उद्देश्य
वैसे तो टाइप 2 डायबिटीज एक जीवन शरीर से जुड़ी हुई ही बीमारी थी। लेकिन पहले यह वयस्कों को ही प्रभावित करती थी। हालांकि हालिया वर्षों में इस बीमारी ने बच्चों को भी जकड़ना शुरू कर दिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि इस बीमारी के पीछे क्या कारण है। इस बीमारी के पीछे का कारण ज्यादा चीनी का सेवन, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट और बिस्किट जैसी चीजें खाना है। अब स्कूल परिसर में लगाए गए शुगर बोर्ड के माध्यम से छात्रों को इस बीमारी से संबंधित शिक्षा मिलेगी। इस बोर्ड में प्रतिदिन अनुशंसित चीनी का सेवन, कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों में चीनी की मात्रा, ज्यादा चीनी खाने की वजह से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी जोखिम और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य विकल्प जैसी जानकारियां लिखी होंगी।
शुरू की जाएंगी स्वास्थ्य कार्यशालाएं
चीनी बोर्ड के अलावा अब स्कूलों में नियमित रूप से स्वास्थ्य संबंधित कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएगी। इन कार्यशालाओं के माध्यम से छात्रों और अभिभावकों को संतुलित आहार योजना, स्वस्थ जीवन शैली अभ्यास, हानिकारक खाने की आदत की पहचान और घर पर चीनी की खपत कम करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
बच्चों में मधुमेह पर चौंकाने वाले आंकड़े
पिछले 4 से 5 सालों में जयपुर के अंदर बच्चों में मधुमेह के लक्षणों की संख्या 3 गुना बढ़ गई है। इसके पीछे के मुख्य कारण चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, कोरोना के बाद स्क्रीन टाइम बढ़ाना और शारीरिक गतिविधियों में कमी के साथ तनाव और खराब नींद है।
कैसे रखें बच्चों को स्वस्थ
सबसे पहले तो बच्चों का जंक फूड एकदम बंद कर दें। और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए इस डाइट प्लान को फॉलो करें। नाश्ते में बच्चों को फल और दूध या फिर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ दें। इसके बाद लंच बॉक्स में आप चपाती और मौसमी सब्जियां रख सकते हैं और साथ में अंकुरित मूंग का सलाद भी रख सकते है। इसी के साथ आप घर पर बनी डाल या फिर पनीर के व्यंजन भी बच्चों को लंच बॉक्स में दे सकते हैं। शाम के नाश्ते के दौरान उन्हें नारियल पानी या फिर ताजा फल खिलाएं। इसके अलावा घर का हल्का बना हुआ नाश्ता भी पर्याप्त रहेगा। रात के खाने के लिए बच्चों को चपाती और हरे पत्तेदार सब्जियों के साथ दूध दें।
क्या ना खिलाए बच्चों को
बच्चों को अधिक चावल और आलू देने से बचें। इसके अलावा मिठाइयां और मीठे पेय पदार्थ जैसे कि कोल्ड ड्रिंक आदि चीजों को बंद कर दें। साथ ही तला हुआ और पैकेज्ड खाने के साथ-साथ अधिक मात्रा में आम जैसे मीठे फल भी ना दे। साथ ही बच्चों को हर रोज दो से तीन लीटर पानी पिलाएं।
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