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Bharatpur Royal Family: राजस्थान के भरतपुर राज्य परिवार के बीच विवाद जारी है। यह विवाद कोठी बंध बारैठा की बिक्री को लेकर चल रहा है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

Bharatpur Royal Family: एक बार फिर भरतपुर राज परिवार विवादों के केंद्र में है। क्योंकि पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह के बीच एक बड़ा आंतरिक विवाद चल रहा है।  यह विवाद कोठी बंध बारैठा की बिक्री को लेकर चल रहा है। दरअसल अनिरुद्ध का कहना है कि यह अवैध है। जबकि विश्वेंद्र सिंह ने इस बिक्री का बचाव करते हुए दावा किया है कि है उनकी निजी संपत्ति है। 

संपत्ति अधिकारों पर विश्वेंद्र सिंह का स्पष्टीकरण 

अनिरुद्ध के आरोपी के बाद विश्वेंद्र सिंह ने फेसबुक का रुख करते हुए एक विस्तृत बयान जारी किया है। उन्होंने बताया कि कोठी बंध बारैठा उनकी पारिवारिक संपत्ति नहीं है बल्कि उनकी निजी संपत्ति है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि "आज अखबार में पढ़ा कि भरतपुर राज परिवार की एक संपत्ति कोठी बंध बारैठा को अवैध रूप से बेचा गया है।" उन्होंने आगे बताया कि यह उनकी निजी संपत्ति थी राज परिवार की नहीं। उन्होंने कहा कि उसे बेचने के लिए वह स्वयं अधिकृत थे। इसलिए उनकी पत्नी दिव्या सिंह ने उनसे जबरदस्ती लिखवा कर इस संपत्ति को बिकवाया था।  उन्होंने आगे कहा कि दिव्या सिंह ने उस पैसे से नई दिल्ली में एक महंगा फ्लैट अपने नाम से लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कहना की कोठी अवैध रूप से बेची गई है, गलत है।

मोती महल लूटने के आरोप 

विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे पर और भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने पोस्ट में कहा कि मुझे अपने परिवार के खिलाफ बोलना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने 2021 से मोती परिसर में प्रवेश नहीं किया। इसी बात का फायदा उठाते हुए उनकी पत्नी में पुत्र ने मोती महल की बेशकीमती चीजों को बेच दिया। इसके अलावा उन्होंने यह दावा किया है कि महल के भीतर मंदिर में पूजा तक बंद कर दी गई है। इससे लंबे समय से चली आ रही परंपरा टूट गई है। 

कानूनी लड़ाई की आशंका 

विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पोस्ट में यह खुलासा किया है कि उनके मामले की जल्द ही उच्च न्यायालय में सुनवाई की जाएगी। उनका कहना है कि इससे जाहिर होता है कि उनके परिवार द्वारा दिए गए बयान कानूनी कार्यवाही को लेकर चिंता से प्रेरित थे। लेकिन इसी बीच अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वह इस बिक्री को अदालत में चुनौती देंगे और विवादित संपत्ति से संबंधित किसी भी लेनदेन पर रोक लगाने के लिए आदेश की मांग करेंगे।

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