Indian Constitution: सालाना 26 नवंबर को पूरे देश में इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन साल 1949 में देश ने संविधान मसौदे को अपनाया था। इसी कारण से हर साल इस दिन संविधान दिवस मनाया जाता है।
संविधान से जुड़ी जानकारी
भारतीय संविधान को तैयार करने में दो साल, ग्यारह महीने और अठारह दिन लगे थे। यह संविधान छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास को लागू किया गया था। इसके बाद से हर साल इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। बता दें कि चौबीस नवंबर उन्नीस सौ उनचास को संविधान सभा की आखिरी बैठक आयोजित की गई थी, इस दौरान कुल दो सौ चौरासी लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। संविधान सभा के कुल 389 सदस्यों की लिस्ट निश्चित की गई थी, जिसमें ब्रिटिश प्रांतों के कुल 292 प्रतिनिधि थे, चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के चार प्रतिनिधि थे और देशी रियासतों के कुल 93 प्रतिनिधि शामिल थे।
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उदयपुर से थे सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति
खास बात यह है कि राजस्थान राज्य की ओर से हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति उदयपुर के बलवंत सिंह मेहता थे। इनके साथ ही राज्य के 12 अन्य सदस्यों ने भी संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। इन सभी में से 11 सदस्य देशी रियासतों से थे और एक अजमेर मेरवाड़ा क्षेत्र के चीफ कमिश्नर थे।
राजस्थान का अतुलनीय योगदान
देश के संविधान की मूल प्रति में कुल 22 चित्र लगे हुए हैं। जिसमें देश की वैभवशाली इतिहास, परंपरा व संस्कृति दिखाई देती हैं। संविधान निर्माण में राजस्थान ने अपना भरपूर योगदान दिया है। इतिहास में राजस्थान के चित्रकारों ने भी अपना योगदान दिया था। नंदलाल बासु के साथ कलाकार कृपालसिंह शेखावत ने भी अपना योगदान दिया था।
इन 12 लोगों ने दिया था अपना योगदान
संविधान सभा में राजस्थान की ओर से 12 सदस्यों ने योगदान दिया था, जिसमें वी. टी. कृष्णमाचारी, हीरालाल शास्त्री, खेतड़ी के सरदार सिंह, जसवंतसिंह , राजबहादुर, माणिक्यलाल वर्मा , गोकुल लाल असावा थे। इसके अलाला रामचंद्र उपाध्याय, बलवंत सिन्हा मेहता, दलेल सिंह और जयनारायण व्यास का नाम शामिल है।