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Rajasthan Rare Disorder: राजस्थान में एक हैरान कर देने वाला केस सामने आया है। जिसमें 3 साल की बच्ची को मासिक धर्म होने पर 14 साल बाद असली सच्चाई सामने आई। 

Rajasthan Rare Disorder: राजस्थान में कई ऐसे केस सामने आते हैं, जिसके बारे में जानकर खुद डॉक्टर्स भी हैरान हो जाते हैं। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि हम जिस बीमारी को सोचते हुए लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। अक्सर वो कोई और ही बीमारी ही निकलती है। इसके साथ ही बता दें कि दुनिया में कई ऐसी डिजीज होती है, जिसकी पूरी दुनिया में केवल कुछ ही केस दर्ज होते हैं। ये रेयर डिजीज होती है, जिसके बारे में भी बहुत कम को पता है। 

राजस्थान में रेयर डिजीज का पहला केस दर्ज

राजस्थान के भरतपुर जिले की 17 साल की लड़की के जीवन को एक गंभीर बीमारी ने फंसा दिया। बता दें कि जिन बीमारी को उसका परिवार 14 सालों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी समझ रहे थे। उसकी पूर्णत जांच कराने पर पता चलता है कि ये तो एक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर वानविक ग्रुनबैक निकला। मतलब आज तक उनका इलाज एक गलत दिशा में ही चल रहा था, किसी ओर ही बीमारी इलाज के पीछे भाग रहे थे। वहीं राजस्थान में दर्ज केस दुनिया में केवल 56 लोगों को ही है। 

3 साल की बच्ची हुए पीरियड्स 

भरतपुर की इस बच्ची की जिंदगी में तूफान, तो तब आया जब इसको 3 साल की आयु मं ही पीरियड्स होना शुरू हो गए थे। जिसको परिवार वालों ने इसको कैंसर जैसी गंभीर समस्या मान लिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि परिवार के लोगों को बिल्कुल भी सूचना नहीं थी कि इतनी जल्दी भी बच्ची को मासिक धर्म हो सकता है। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों ने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, क्योंकि समय के साथ ही शरीर का विकास होना भी बंद हो गया था। वहीं शरीर में वजन घटने लगा और सूजन बढ़ने लगी सभी डॉक्टर्स को दिखाया, लेकिन कोई भी इन बीमारी का पता नहीं लगा पाया। 

14 साल बाद सामने आई असली सच्चाई

जिस बीमारी से बच्ची अपने 14 साल जूझती रही, वो तो एक रेयर डिजीज निकली। बता दें कि 8 साल पहले सोनोग्राफी में ओवेरी में गांठ के मिलने पर उसे कैंसर की आशंका बताई जाने लगी। लेकिन अब हाल ही में बच्ची को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती किया गया है। जिसकी जांच मेडिकल जेनेटिक्स विभाग की टीम के जांच करने पर पता चला कि उसे कोई कैंसर नहीं बल्कि वानविक ग्रुनबैक सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी है। जो कि एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है। 

हजार रुपए बीमारी पर लाखों खर्च

इस बीमारी में शरीर में हार्मोन के असंतुलित होने पर बहुत पहले ही लड़कियों को पीरियड्स हो जाते हैं। अभी इसका इलाज चल रहा है। जिस बीमारी का इलाज हजार रुपए के खर्च में ही हो सकता था, केवल एक थायराइड की जांच नहीं कराने की वजह से आज इसका 14 साल तक लाखों का खर्चा करना पड़ा। और जिससे बच्ची को भी अपने छोटे से जीवन में कई अस्पतालों के  चक्कर लगाने पड़े।

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