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Heart Disease: अगर बिना किसी फिजीकल एक्टिविटी हार्ट रेट 100BPM पार कर देता है तो इसे टैकीकार्डियो कहते हैं। इस लेख में आपको बताएंगे ऐसा क्यों होता है और इससे किस बीमारी के होने का खतरा रहता है।

Heart Disease: कई बार हम गहरी सोच में होते हैं या कोई टेंशन होती है तो अचानक से हमारी धड़कन बढ़ जाती है। ऐसे में कई बार लोग घबरा जाते हैं कि कई उन्हें दिल की तो कोई बीमारी नहीं है। नॉर्मल सिचुएशन में एक एडल्ट का हार्ट रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट होता है। वहीं अगर बिना किसी फिजीकल एक्टिविटी हार्ट रेट 100BPM पार कर देता है तो इसे टैकीकार्डियो कहते हैं। इस लेख में आपको बताएंगे ऐसा क्यों होता है और इससे किस बीमारी के होने का खतरा रहता है।

ज्यादा सोचने से पल्स तेज हो जाती हैं

जब हम किसी टेंशन में होते हैं या उलझन भरी सोच में घिरे होते हैं तो बॉडी से स्ट्रेस हॉर्मोन यानि कॉर्टिसोल और एड्रेनालिन का लेवल बढ़ने लगता है। यह आपको खतरे से बचाने में मदद करती है। क्योंकि ज्यादा सोचने से पल्स तेज हो जाती हैं, जो कि मानसिक तनाव का संकेत होता है। जिसका असर आपकी फिजीकल हेल्थ पर भी पड़ता है।

ये बीमारी होने के हो सकते हैं संकेत
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर सोचते -सोचते आपकी धड़कने तेज हो जाती हैं तो जरूरी नहीं कि यह कोई हार्ट की बीमारी है। यह कार्डियक डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। अगर आराम के हालत में भी आपकी धड़कने तेज रहती हैं तो या एंग्जायटी डिसऑर्डर, टैकीकार्डिया या पैनिक अटैक होने का संकेत हो सकता है। 

हार्ट बीमारी होने का रहता है डर
जब आप टेंशन में होते हैं या गहरी सोच में तो आपकी धड़कने तेज के साथ चक्कर आना, घबराहट होना, सीने  में दर्द या सांस फूलने जैसी दिक्कत होने लगती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इस पर ध्यान न देने से आपको दिल की बीमारी हो सकती है।

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ऐसे कर सकते हैं बचाव
- मेडिटेशन और एक्सरसाइज करें 
- समय पर नींद लें और पूरी नींद लें
- पॉजिटिव रहें
- ज्यादा न सोचें
- खूब पानी पिएं

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