Handicraft Policy Of Rajasthan: राजस्थान हस्तशिल्प नीति के अंतर्गत 50 करोड़ का एक समर्पित कोष शुरू किया है। इस कोर्स के बाद स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प श्रमिकों का उत्थान किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य 50 हजार लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना भी है।
मिशन के केंद्र में प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी
दरअसल सरकार ने जयपुर और जोधपुर में विशेष डिजाइन और प्रौद्योगिकी केंद्रों को स्थापित किया है। यहां पर कारीगर आधुनिक तकनीक और डिजिटल मार्केटिंग का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इसी वर्ष 1000 का नगरों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के बाद यह कारीगर अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए तैयार होंगे।
ई-कॉमर्स और अंतरराष्ट्रीय मेले
इस पहल का उद्देश्य कारीगरों के लिए सीधे बाजार तक पहुंचे उत्पन्न करना है। एक ई-कॉमर्स पोर्टल शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत कारीगर अपने उत्पाद को सीधे वैश्विक ग्राहकों को भेजने, बिचौलियों को खत्म करने और अधिकतम लाभ को कमाने में सक्षम होंगे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि दुबई और न्यूयॉर्क में मिले भी आयोजित किए जाएंगे और यहां पर कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।
सामाजिक सुरक्षा और बीमा सहायता
कारीगरों की आजीविका की कमजोरी को समझते हुए सरकार ने एक सुरक्षा घातक भी शामिल किया है। इसके अंतर्गत 18 से 50 वर्ष की आयु के कारीगरों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में शामिल किया जाएगा और सरकार उनकी तरफ से बीमा प्रीमियम वहन करेगी।
एक जिला एक उत्पाद
इस नीति के तहत एक जिला एक उत्पाद को भी बढ़ावा मिलेगा। हर जिला एक अलग हस्तशिल्प या फिर उत्पाद को बढ़ावा देगा जिसकी वजह से क्षेत्र को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी और एक मजबूत स्थानीय ब्रांड विकसित होगा।
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