Woman Safety: आज लोग महिला सुरक्षा की बात करते हैं कि सरकार को महिला सुरक्षा को लेकर कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए। लेकिन बात कड़े नियम कानून लागू करने की नहीं है, बात यह है कि सरकार कहां तक महिलाओं की सुरक्षा करेगी। जब तक महिला खुद अपनी सुरक्षा के लिए सशक्त नहीं होगी, तब तक उन पर सुरक्षा का खतरा मंडराता रहेगा। आपको बता दें कि सरकार केवल आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दे सकती है और इसकी पहल सरकार के द्वारा की भी जा रही है।
छात्राओं को मिलेगा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण
महिला सुरक्षा को लेकर एक विशेष पहल की जा रही है, जिसमें छात्राओं को शारीरिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण किया जाएगा। बता दें कि 314 सरकारी कॉलेजों की छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए रानी लक्ष्मी बाई केंद्र खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों में छात्राओं को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक तौर पर भी सशक्त बनाया जाएगा।
रानी लक्ष्मी बाई केंद्रों का उद्देश्य
प्रदेश में खोले जाने वाले इन केन्द्रों का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को कम करने के लिए खुद महिलाओं को अपनी आत्मरक्षा के लिए सशक्त बनाना है। और इसके साथ ही इन केंद्रों में छात्राओं को एक सुरक्षित और स्वस्थ माहौल प्रदान करना है।
इसके साथ ही आयुक्तालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी होने के बाद सभी संभाग के ब्लॉक स्तर पर सरकारी कॉलेजों में छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मी बाई केंद्र की स्थापना की तैयारी शुरू कर दी जाएगी। इन केंद्रों की स्थापना को लेकर अलग-अलग जिलों की सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को चुना गया है।
केंद्रों में 28 दिन मिलेगा प्रशिक्षण
राजस्थान में उच्च शिक्षण संस्थानों में अपनी पढ़ाई कर रही छात्राओं को एक सुरक्षित, स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए इन केंद्रों को खोला जा रहा है। इसमें पुलिस, एनजीओ और अन्य संगठनों की सहायता से छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
वहीं कानूनी अधिकारों की जानकारी दिए जाने के लिए 25 से 30 छात्राओं के समूह का निर्माण किया जाएगा, जिसमें आपातकाल की स्थिति में अपनी और दूसरों की भी रक्षा कर सकें। इसके साथ ही छात्राओं को स्वास्थ्य से संबंधित विषयों का 28 दिनों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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