Crop protection scheme : राजस्थान में भजनलाल सरकार किसानों की फसल को सुरक्षित रखने के लिए विशेष कृषि योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। जिसके तहत अब किसानों को सरकार तारबंदी के लिए आर्थिक अनुदान दे रही है। सरकार के इस कदम से अब किसानों को नीलगाय और आवारा पशुओं से अपनी फसल सुरक्षित रखने में विशेष राहत मिलेगी। तारबंदी योजना के तहत सरकार किसानों को आर्थिक सहायता देगी। इस योजना का लाभ वो किसान भी उठा सकेंगे जिनके पास दो बीघा ज़मीन है। सामूहिक तारबंदी पर सरकार अपेक्षाकृत अधिक अनुदान दे रही है।
योजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार अलवर जिले में अभी तक 207 किसानों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है। राज्य के संयुक्त कृषि निदेशक ने जानकारी दी कि सामान्य श्रेणी के एकल आवेदनकर्ता किसान को 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए कुल लागत का 50% या अधिकतम 40,000 रुपए का आर्थिक अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह लघु व छोटे किसानों कुल लागत का 60% का अनुदान मिलेगा।
सामूहिक तारबंदी पर अधिक अनुदान देगी सरकार
राज्य सरकार उन किसानों को अपेक्षाकृत अधिक अनुदान देगी जो सामूहिक रूप से तारबंदी करने के इच्छुक हैं। कृषि अधिकारियों के मुताबिक सामूहिक तारबंदी के लिए 10 किसानों का समूह होना चाहिए जिनके पास कम से कम कुल 5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। इसके तहत हर किसान को 400 मीटर की तारबंदी के लिए 56,000 रुपए या कुल लागत का 70% मिलेगा। यहां एक बात विशेष महत्वपूर्ण है कि समूह में तारबंदी करने वाले हर किसान के पास कम से कम 2 बीघा अपनी निजी भूमि होनी चाहिए।
पट्टाधारी किसानों को मिलेगा सर्वाधिक अनुदान
जिन किसान के पास 2 बीघा भूमि का पट्टा है तो ऐसे किसान को तारबंदी कराने पर कुल लागत का 90% या अधिकतम 72,000 रुपए का आर्थिक अनुदान मिलेगा। इसके साथ ही मंदिर की जमीन पर की जा रही खेती पर यदि संरक्षक के रूप में पुजारी का नाम दर्ज है तो वह भी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होगा।
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