Sikar Education News :जिले की शिक्षा व्यवस्था इस साल उतनी मजबूत नहीं रही। जबकि अब तक सीकर लगातार बेहतर प्रदर्शन करता रहा था। शिक्षा के क्षेत्र में सीकर टॉप 3 जिलों में शामिल रहता था। वहीं इस बार यह चौथे नंबर पर खिसक गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मॉनिटरिंग सही तरह से नहीं होने और पढ़ाई की गुणवत्ता पर पर्याप्त ध्यान न दिए जाने के कारण यह गिरावट आई है। कई स्कूलों में समय पर निरीक्षण नहीं हुआ, जिससे बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा परिणाम पर असर पड़ा।
पहले रैंक पर चूरू जिला
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद एवं निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक पहले स्थान पर राजस्थान का चूरू जिला है । जबकि दूसरे स्थान पर सवाई माधोपुर है वहीं तीसरे स्थान पर कोटा है। तीसरे स्थान से लुढ़कर इस बार सीकर की रैंकिंग चौथी हो गई है।
इन वजहों से सीकर की रैंकिंग में आई कमी
सीकर की शिक्षा व्यवस्था पिछड़ने की मुख्य वजह समन्वय की कमी और कमजोर मॉनिटरिंग है। यह निगरानी प्रक्रिया समसा स्तर से संचालित होती है। विभाग ने पिछले दो-तीन महीने की रैंकिंग जारी की है। जिसमें 41 जिले शामिल थे।
इन मुख्य बिंदु के आधार पर जारी हुई रैंकिंग
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद एवं निदेशालय 12 बिंदुओं के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी करती है। इन बिंदुओं के लिए 105 अंक निर्धारित किए गए है। स्कूल परफॉर्मेंस के आधार पर उनको नंबर दिया जाता है। सीकर को 51.22 अंक मिले हैं।
सीकर को इन में मिले अच्छे नंबर
पुस्तकालय की किताबें बाँटने वाले स्कूल में सीकर को पूरे पांच में से पांच अंक मिले हैं। पीटीएम में सीकर को पूरे पांच में से पांच अंक मिले हैं। इंस्पायर अवार्ड और दूसरे अवॉर्ड में जिले को 15 में से 15 अंक की प्राप्ति हुई है।
कहा मिले कम नंबर
विद्यार्थी की उपस्थिति को लेकर सीकर जिले को पांच में से जीरो अंक हासिल हुए। बोर्ड परीक्षा में रेटिंग पाने वाले स्कूलों को 30 में से जीरो नंबर मिले। नामांकन वृद्धि में भी शिखर को 10 में से जीरो अंक हासिल हुए। जन आधार प्रमाणीकरण हो गया है। इसमें में 5 में से 3 अंक मिले।
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