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NEET Counselling: नीट रिजल्ट के बाद अगर आप भी काउंसलिंग चुनने की परेशानी से जूझ रहे हैं तो यह लेख है सिर्फ आपके लिए। आज हम जानेंगे कॉलेज में एडमिशन के लिए कैसे करें काउंसलिंग का चुनाव।

NEET Counselling: नीट यूजी के नतीजे घोषित होने के साथ ही लाखों मेडिकल छात्रों के लिए अगला चरण शुरू हो गया है। यह अगला चरण है सही काउंसलिंग प्रक्रिया को चुनना। कई विद्यार्थियों को इस बात को लेकर परेशानी रहती है कि उनकी रैंक, राज्य निवास और वित्तीय स्थिति के आधार पर कौन सी काउंसलिंग स्ट्रीम उनके लिए सही है। इसी वजह से योग्य उम्मीदवार मेडिकल सीट से चूक जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे उन चार काउंसलिंग विकल्पों के बारे में जिन्हें नीट यूजी के बाद चुना जाता है।

पूरे भारत में शीर्ष रैंक वालों के लिए 

अखिल भारतीय कोटा काउंसलिंग: यह काउंसलिंग देशभर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में 15% सीटों के लिए जिम्मेदार होती है। इसका आयोजन केंद्रीकृत काउंसलिंग मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा किया जाता है। इसी के साथ इसमें AIIMS, JIPMER, BHU और  AMU संस्थान शामिल होते हैं। यदि आपकी रैंक 50 हजार तक है तो यहां काउंसलिंग में भाग लेना काफी सही रहेगा। 

अधिवास आधारित उम्मीदवारों के लिए 

राज्य कोटा काउंसलिंग: पूरे भारत में हर राज्य सरकार अपने राज्य के अंदर 85% सरकारी मेडिकल सीटों के लिए काउंसलिंग आयोजित करती है। इसमें भाग लेने के लिए छात्र के पास उस राज्य का वैध अधिवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। आमतौर पर इस काउंसलिंग प्रक्रिया में राज्य के अंदर स्थित सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज दोनों ही शामिल होते हैं।  वे छात्र जो माध्यम या निम्न रैंक वाले हैं उन्हें कोटा काउंसलिंग के जरिए ही आवेदन करने की सलाह दी जाती है। 

निजी मेडिकल कॉलेज के लिए 

डीम्ड यूनिवर्सिटी काउंसलिंग: अगर आप मणिपाल, डॉक्टर डीवाई पाटील और अन्य जैसे प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय के बारे में सोच रहे हैं तो डीम्ड यूनिवर्सिटी काउंसलिंग बिल्कुल सही है। इसका आयोजन एमसीसी द्वारा किया जाता है। आपको बता दें कि यहां की फीस काफी ज्यादा है। लेकिन 50000 से 100000 से अधिक रैंक वाले छात्रों के लिए यह काफी अच्छा मौका है। 

2 लाख से अधिक रैंक के लिए 

निजी या प्रबंधन कोटा: जिन छात्रों की रैंक 2 लाख से अधिक है वह प्रबंधन या एनआरआई कोटे के जरिए एमबीबीएस सीट हासिल कर सकते हैं। यह सभी सीटें निजी मेडिकल कॉलेज द्वारा दी जाती हैं और काउंसलिंग या तो कॉलेज करता है या फिर राज्य स्तरीय प्रक्रियाओं के जरिए आयोजित होती है। हालांकि इस कोटे के तहत फीस काफी ज्यादा है लेकिन सीट मिलने की संभावना काफी मजबूत होती है।

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