rajasthanone Logo
IIT Jodhpur: राजस्थान के आईआईटी जोधपुर ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ा विकास किया है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

IIT Jodhpur: भाषा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। दरअसल आईआईटी जोधपुर के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के विजन, भाषा और शिक्षक समूह ने इंडिक फोटो ओसीआर नाम का एक इन्नोवेटिव एआई आधारित उपकरण विकसित किया है। इस स्वदेशी तकनीक को केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी भाषिणी परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह तकनीक 13 प्रमुख भारतीय भाषाओं में लिखे साइन बोर्ड, मील के पत्थर और बाजार के पोस्टरों से पाठ को तुरंत पढ़ और अनुवाद कर सकती है।

कौन-कौन सी भाषा शामिल 

समर्थित भाषाओं में हिंदी, मराठी, गुजराती,‌ पंजाबी, बंगाली, असमिया, उड़िया, मणिपुरी, मलयालम, कन्नड़,‌ तमिल, तेलुगू और उर्दू भाषा शामिल है। आपको बता दें कि एक ही स्कैन के साथ यह उपकरण रियल टाइम अनुवाद प्रदान कर सकता है। इस नई तकनीक के बाद पूरे भारत में यात्रियों, पर्यटकों और पेशेवरों के लिए बहुभाषी नेविगेशन में काफी ज्यादा वृद्धि होगी।

प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण 

इस नई इनोवेशन के अलावा आईआईटी जोधपुर ने प्राचीन संस्कृति और पाली पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के साथ भी साझेदारी की है। गहन शिक्षण और जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल करते हुए इस परियोजना का उद्देश्य सदियों पुराने ज्ञान को संरक्षित करना है और साथ ही इसे दुनिया भर के शोधकर्ताओं, इतिहासकारों और विद्वानों के लिए आसान बनाना है। 

इस कदम के बाद सांस्कृतिक संरक्षण की संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी। दरअसल कई प्राचीन पांडुलिपियों नाजुक है और उनके क्षरण का काफी ज्यादा खतरा है। अब इसमें डिजिटलीकरण प्रकिया की मदद से यह सुनिश्चित होता है कि इन अमूल्य ग्रंथों को उच्च विश्वसनीयता के साथ संग्रहित किया जा सके।

वीडियो समझ तकनीक का विकास 

आईआईटी जोधपुर की शोध टीम अब जेंगर लैब्स की मदद से उच्च स्तरीय वीडियो समझ तकनीक पर भी काम कर रही है। यह नई एआई प्रणाली को वीडियो फ्रेम में छपी या फिर छोटी वस्तुओं का उच्च सटीकता के साथ पता लगाने और ट्रैक करने में मदद करती है। इस तकनीक का इस्तेमाल सुरक्षा निगरानी, फैक्ट्री उत्पादन, अस्पताल प्रबंधन और स्कूल निगरानी प्रणालियों में किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें...Phalodi Education: अब विद्यार्थीयों को मिलेगी आधुनिक शिक्षा, सीख पाएंगे 3D प्रिंटिंग, रोबोटिक्स व कोडिंग, जानें कैसे

5379487